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सीजेआई यौन उत्पीड़न: नौकरी से निकालने के ख़िलाफ़ शिकायतकर्ता करेंगी सीजेआई से अपील

नई दिल्ली: भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) रंजन गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली सुप्रीम कोर्ट की पूर्व कर्मचारी जल्द ही सीजेआई के सामने शीर्ष न्यायालय में अपनी बर्खास्तगी के खिलाफ अपील दायर करेंगी. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक महिला के वकील और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा, ‘शिकायतकर्ता खुद गोगोई के पास अपील दायर करेगी. सेवा नियमों के तहत अपील करने की...

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सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को लगाई फटकार, कहा- मनमर्जी से अदालत नहीं आ सकते सरकारी विभाग

नई दिल्ली: विशेष अवकाश याचिका दाखिल करने में अप्रत्याशित देरी करने पर सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार पर 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. इसके साथ बिहार सरकार को फटकार लगाते हुए कोर्ट ने कहा कि देरी के लिए सरकारी कामकाज में सुस्ती को बहाना नहीं बनाया जा सकता है. लाइव लॉ के अनुसार, पटना हाईकोर्ट के एकल पीठ के एक फैसले को चुनौती देते हुए बिहार सरकार ने 367...

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सीजेआई के ख़िलाफ़ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच जस्टिस एसए बोबडे करेंगे

नई दिल्लीः चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के ख़िलाफ़ लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों की आंतरिक जांच के लिए मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम जज न्यायमूर्ति एसए बोबडे को नियुक्त किया गया. जस्टिस बोबडे ने इसकी पुष्टि की. वरिष्ठता क्रम के मुताबिक जस्टिस एसए बोबडे सीजेआई के बाद वरिष्ठतम न्यायाधीश हैं. उन्होंने बताया कि नंबर दो जज होने के नाते चीफ जस्टिस ने उन्हें सुप्रीम कोर्ट की एक पूर्व महिला कर्मचारी द्वारा...

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जमैका के सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस चंद्रचूड़ के फैसले के ज़रिये आधार जैसी योजना को ख़ारिज किया

जमैका की सुप्रीम कोर्ट ने भारत के आधार जैसे ही ‘राष्ट्रीय पहचान और पंजीकरण अधिनियम' को गैर कानूनी करार देते हुए इसे खारिज कर दिया. खास बात ये है कि जमैका की कोर्ट ने इस फैसले में आधार मामले में सुप्रीम कोर्ट जज जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ द्वारा दिए गए डिसेंट (विरोध में दिया गया निर्णय) फैसले को उल्लेख किया है. मालूम हो कि 26 सितंबर 2018 को भारत के सुप्रीम कोर्ट...

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जज तनाव और दबाव में फ़ैसले लिख रहे हैं: जस्टिस एके सीकरी

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के जज एके सीकरी का कहना है कि आज के युग में न्यायिक प्रक्रिया दबाव में है, जज तनाव और दबाव में फैसले लिख रहे हैं. किसी मामले पर सुनवाई शुरू होने से पहले ही लोग बहस करने लग जाते हैं कि इसका फैसला क्या आना चाहिए. इसका जजों पर प्रभाव पड़ता है. सीकरी ने ‘लॉएशिया' के सम्मेलन में ‘डिजिटल युग में प्रेस की स्वतंत्रता' विषय पर...

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