खादी का बिना प्रेस किया हुआ कुर्ता-पाजामा और पैरों में साधारण स्पोर्ट्स शू पहने 58 वर्षीय डॉक्टर बिनायक सेन को देखकर अक्सर उनके समूचे व्यक्तित्व का पता नहीं चल पाता. जेल में दो बरस रहने से पहले तक समय पहले तक उनकी लंबी दाढ़ी हुआ करती थी और लोग उन्हें सीधे-सादे सामाजिक कार्यकर्ता के रुप में जानते थे तो कुछ एक बौद्धिक चिंतक के रुप में. लेकिन अब पुलिस उन्हें नक्सलियों का...
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नर्मदा का नाद -- मेधा पाटकर
विश्व की प्राचीनतम संस्कृतियों में से एक नर्मदा घाटी आज भी समृद्ध प्रकृति के लिए मशहूर है. घाटी में नदी किनारे पीढ़ियों से बसे हुए आदिवासी तथा किसान, मजदूर, मछुआरे, कुम्हार और कारीगर समाज प्राकृतिक संसाधनों के साथ मेहनत पर जीते आए हैं. इन्हीं पर सरदार सरोवर के साथ 30 बड़े बांधों के जरिये हो रहे आक्रमण के खिलाफ शुरू हुआ जन संगठन नर्मदा बचाओ आंदोलन के रूप में पिछले 25...
More »नर्मदा से आगे जाती एक लड़ाई...
सरकारी दुराग्रहों के बावजूद भारत में सबसे लंबे समय से चल रहे 'नर्मदा बचाओ आंदोलन' ने 25 साल पूरे कर लिए हैं. प्रियंका दुबे इस आंदोलन के उतार-चढ़ाव भरे सफर को साझा करते हुए बता रही हैं आज यह आंदोलन किस भूमिका में है. विंध्यांचल और सतपुड़ा पर्वत श्रंखलाओं के बीच बसे अपेक्षाकृत शांत निमाड़ अंचल में उस दिन शाम गहराने के साथ-साथ हलचल बढ़ती जा रही थी. पश्चिमी मध्य प्रदेश...
More »उनके किशन जी, मेरे किशन जी, और आपके?- योगेन्द्र यादव
1. मीडिया की दुनिया के लिए किशन जी का मतलब है माओवादियों के भूमिगत नेता किशनजी. 2. कुछ साल पहले तक किशन जी नाम एक दूसरी और बहुत भिन्न छवि से जुड़ा था. 3. कोशिश करें तो बंगाल की खाड़ी की गोद में पले इन दोनों क्रांतिकारियों में कुछ साम्य ढूंढा जा सकता है. इधर जब भी अखबार या टीवी में ’किशन जी’ का जिक्र आता है, मेरे भीतर कुछ होता है. ढांपने...
More »हिमालय में खुलता एक मोर्चा -अभिषेक श्रीवास्तव
पिछले दिनों हिमाचल के रोहतांग से लेह तक एक सुरंग के उद्घाटन की खबर को मीडिया में काफी जगह मिली थी. ऐसा इसलिए भी क्योंकि इसका उद्घाटन करने यूपीए की अध्यक्ष सोनिया गांधी खुद गई थीं. राज्य के मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने इस सुरंग को रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण करार देते हुए चीन पर आरोप लगाया था कि वह सीमा पर बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचा संबंधी निर्माण कार्य...
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