मोंगाबे हिंदी, 20 सितम्बर जम्मू-कश्मीर में सरकार की ओर से बनाए जा रहे तवी रिवरफ्रंट को लेकर पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने भी चिंता जताई है कि इससे पर्यावरण को खतरा है और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव बुरे होते जा रहे हैं। रुपये 530 करोड़ के खर्च से बनाए जा रहे इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य भूजल से स्रोतों को जिंदा करना है। इसके लिए कृत्रिम झीलें बनाई जा रही हैं और उनके साथ ही...
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एक खोखला आश्वासन: कैसे मोदी सरकार ने वन संरक्षण से मोड़ लिया मुंह
द रिपोर्टर्स कलेक्टिव, 19 सितम्बर नई दिल्ली: जुलाई 2017 में डॉ. हर्षवर्धन भारत के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मामलों के केंद्रीय मंत्री हुआ करते थे। उस समय डाॅक्टर हर्षवर्धन ने संसद में आश्वासन दिया था," एक नई वन नीति का मसौदा तैयार किया जा रहा है और यह जल्द ही तैयार हो जाएगा"। मौजूदा वन नीति करीब 29 साल पुरानी हो चुकी थी। नई वन नीति का मकसद सभी तीन...
More »देश में वनों की स्थिति: बढ़ रहा है पौधारोपण और घट रहे हैं वन
मोंगाबे हिंदी, 14 सितम्बर भारत सरकार ने हाल ही में वन सर्वेक्षण रिपोर्ट 2021 (आईएसएफआर) जारी किया। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दो साल पहले की तुलना में देश के वन क्षेत्र में 2,261 वर्ग किलोमीटर (किमी) की बढ़ोतरी हुई है। हालांकि, यह दावा कठघरे में हैं और इस विषय के जानकार रिपोर्ट बनाने के तरीके पर सवाल उठा रहे हैं। इन जानकारों का आरोप है कि वन क्षेत्र...
More »साल 2022 में जल, जमीन, जंगल बचाने में 177 पर्यावरण रक्षकों ने गंवाई अपनी जान
डाउन टू अर्थ, 13 सितम्बर 2022 में जल, जमीन, जंगल और पर्यावरण को बचाने की जद्दोजेहद में 177 लोगों ने अपनी जान गंवाई है। मतलब की हर दूसरे दिन दुनिया के किसी न किसी हिस्से में कोई न कोई कार्यकर्ता, पर्यावरण को बचाने के लिए अपने जीवन की आहुति दे रहा है। 2012 से देखें तो अब तक 1910 लोगों की हत्या हो चुकी है। वहीं 2022 के दौरान एशिया में...
More »जम्मू-कश्मीर के जलाशयों में माइक्रोप्लास्टिक, इंसान और पर्यावरण के लिए बड़ा खतरा
मोंगाबे हिंदी, 08 सितम्बर जम्मू और कश्मीर में किया गया एक नया अध्ययन प्लास्टिक प्रदूषण की गंभीरता की तरफ इशारा करता है। अध्ययन में स्थानीय तौर पर व्येथ के नाम से जानी जाने वाली झेलम नदी में प्लास्टिक के बेहद सूक्ष्म कणों की मौजूदगी की पुष्टि हुई है। अध्ययन बताता है कि झेलम नदी के किनारे नगरपालिका के ठोस कचरे (एमएसडब्ल्यू) के निपटान की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होना माइक्रोप्लास्टिक का एक...
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