[inside] इंडिया में आर्थिक असमानता: “अरबपति राज” में ब्रिटिश राज से भी ज्यादा है असमानता - रिपोर्ट [/inside] इंडिया के भौगोलिक आकार और जनसंख्या, जो अब दुनिया में सबसे अधिक है, को देखते हुए इंडिया में आर्थिक विकास का वितरण विश्व की आर्थिक असमानता पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है। इसलिए इंडिया में आय और संपत्ति की असमानता को सटीक रूप से मापना अत्यधिक आवश्यक है। हाल ही में वर्ल्ड इनइक्वलिटी डाटाबेस ने...
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भारत में 0.5 फीसदी से भी कम वाहन हैं इलेक्ट्रिक, प्रदूषण से त्रस्त होने के बावजूद क्यों नहीं अपना रहे लोग
डाउन टू अर्थ, 19 अगस्त इस समय भारत की सड़कों पर 13.3 लाख इलेक्ट्रिक वाहन चल रहे हैं, जोकि देश में कुल वाहनों का केवल 0.48 फीसदी ही हैं। यह जानकारी भारी उद्योग राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर द्वारा लोकसभा में दिए एक प्रश्न के जवाब में सामने आई है। जानकारी मिली है कि उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहन हैं जिनकी कुल संख्या 337,180 हैं। इसके बाद दिल्ली में...
More »पानी और साफ-सफाई
खास बात - भारत में खुले में शौच करने वाले लोगों की संख्या 626 मिलियन है। यह संख्या 18 देशों में खुले में शौच करने वाले लोगों की संयुक्त संख्या से ज्यादा है।# -ग्रामीण इलाकों में केवल २१ फीसदी आबादी के घरों में शौचालय की व्यवस्था है।* -पेयजल आपूर्ति विभाग के आंकड़ों के हिसाब से कुल १,५०,७३४९ ग्रामीण मानव बस्तियों में से केवल ७४ फीसदी में पूरी तरह और १४ फीसदी में...
More »मनरेगा: 11 राज्यों से दिल्ली आए प्रदर्शनकारी मजदूरों की आपबीती
न्यूज़लॉन्ड्री,09 अगस्त मनरेगा योजना के अंतर्गत काम करने वाले मजदूर दिल्ली में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. उनका कहना है कि उन्हें कम काम, देरी से वेतन और कम वेतन के चलते उनकी जिंदगी दिन पर दिन बदहाल होती जा रही है. अलग-अलग प्रदेशों से आए मनरेगा के मजदूरों ने तीन दिन तक दिल्ली के जंतर-मंतर पर कम वेतन, वेतन भुगतान में देरी और काम की कमी को लेकर...
More »भारत में चावल की खेती लड़खड़ाई, दुनिया की खाद्य आपूर्ति गड़बड़ाई?
क्विंट हिंदी, 03 अगस्त चावल वैश्विक खाद्य आपूर्ति (global food supply) के लिए अगली चुनौती के रूप में उभर सकता है, क्योंकि भारत के कुछ हिस्सों में बारिश की कमी देखने को मिली है, साथ ही देश में पिछले तीन सालों में धान की खेती का बुआई क्षेत्र सबसे कम हो गया है. भारत के चावल उत्पादन (rice production) के लिए खतरा ऐसे समय में आया है, जब देश खाने की...
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