अहमदाबाद से करीब 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित भावनगर के किसान स्थानीय शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा अपने गांव को शहरी सीमा में शामिल किये जाने का विरोध कर रहे हैं. ऐसा ही विरोध सूरत, हिम्मतनगर और मोरबी-वांकानेर के करीबी गांवों में भी देखने में आया है. यह असामान्य रुख है. ऐसा लग रहा है कि शहरीकरण के फायदों को ठुकराया जा रहा है. इस दौरान, भारत के शहरी...
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रिपोर्ट में खुलासा: दुनिया की सर्वाधिक संकटग्रस्त नदी है गंगा
नयी दिल्ली : गंगा की बेहतरी के लिए भले ही केंद्र सरकार नमामि गंगा जैसी परियोजना के जरिये भारी-भरकम धनराशि खर्च कर रही है, बावजूद इसके देश की इस पवित्र नदी की सेहत नहीं सुधर रही है. अंतरराष्ट्रीय स्तर के एनजीओ वर्ल्ड वाइड फंड (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) ने इसे दुनिया की सबसे संकटग्रस्त नदी करार दिया है. रिपोर्ट के अनुसार, कोलकाता महानगर के आसपास इस नदी का प्रदूषण स्तर सर्वाधिक और खतरनाक...
More »केरल की बाढ़ के गंभीर सबक - राजेंद्र सिंह
भारत में लिखित संविधान से पहले नदियों को मां का अधिकार देने वाला अलिखित संस्कार-व्यवहार दिया गया था। दुर्भाग्य से लिखित संविधान में वैसी व्यवस्था नदियों के लिए नहीं की गई। जबकि नदियां बाढ़-सुखाड़ से किसी भी राष्ट्र को नष्ट कर सकती हैं। यह प्रकृति और नदियों का क्रोध कहलाता है। इस क्रोध से बचने के लिए भारत के लोगों ने नदियों को अपनी मां कहा और उनके साथ जीवित...
More »जीने का अधिकार और पानी का प्रश्न-- रमेश सर्राफ धमोरा
जल के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। मनुष्य चांद से लेकर मंगल तक की सतह पर पानी तलाशने की कवायद में लगा है, ताकि वहां जीवन की संभावना तलाशी जा सके। पानी की महत्ता को हमारे पूर्वज भी अच्छी तरह जानते थे। जीवन के लिए इसकी आवश्यकता और उपयोगिता का हमारी तमाम प्राचीन पुस्तकों व धार्मिक कृतियों में व्यापक उल्लेख मिलता है। जल न हो तो...
More »गंगा की अविरलता में निहित स्वच्छता-- उमेश चतुर्वेदी
गंगा को बचाने के लिए आखिरकार भारत सरकार ने उस सदियों पुरानी सोच को ही अंगीकार कर लिया है, जिसकी साधु-संत और आमजन गंगा सफाई अभियान शुरुआत से मांग करते रहे। यानी गंगा की धारा को अविरल बहने दो। गंगा अगर हजारों हजार साल से मुक्ति क्षमता से लैस रही है तो उसकी वजह उसकी अविरल धारा ही रही है। वैज्ञानिकों का भी मानना है कि गंगा की अगर धारा...
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