-आउटलुक, “ऐसा प्रचंड संकट आजादी के बाद से नहीं आया था, अब तो मोदी समर्थक भी मानने लगे हैं कि महामारी में सरकार का रवैया सारे दायित्व से हाथ झाड़ लेने का रहा है” इस 9 मई को पिंजरा तोड़ आंदोलन की अगुआ छात्र एक्टिविस्ट नताशा नरवाल के पिता महावीर नरवाल कोविड महामारी से जंग हार गए। वे दुनिया से विदा होने के पहले अपनी बेटी से मिल या बात नहीं कर...
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भारत की कोविड-19 इमरजेंसी: The Lancet का ताज़ा संपादकीय
-जनपथ, भारत के पीड़ा भरे दृश्यों को समझ पाना मुश्किल है। बीती 4 मई तक 20.2 मिलियन से ज्यादा कोविड-19 संक्रमण के मामले दर्ज किए गए यानी रोज़ाना का औसत 378000 मामले, जिनमें मौतों की संख्या 222000 थी जो जानकारों के मुताबिक वास्तविकता से बहुत कम आकलन है। अस्पताल मरीज़ों से पटे पड़े हैं, स्वास्थ्यकर्मी पस्त हो चुके हैं और संक्रमित हो रहे हैं। सोशल मीडिया पर ऑक्सीजन, अस्पताल के बिस्तर...
More »नया सामाजिक सुरक्षा क़ानून मज़दूरों के हक़ में कितना हितकारी होगा
-द वायर, भारत सरकार ने सितंबर 2020 में लोकसभा में एक कानून पारित किया, जो उन चार कानूनों में से एक है जो मजदूरों के हित में होना चाहिए. वो होगा या नहीं, ये अलग बात है जिसका हम विश्लेषण इस लेख में कर रहे हैं. सामाजिक सुरक्षा कानून 2020 के अतिरिक्त तीन और कानून हैं, जो न्यूनतम मजदूरी, औद्योगिक संबंध और व्यावसायिक स्वास्थ्य और सुरक्षा से संबंधित हैं. जी-20 देशों में एक हमारा ही...
More »जच्चा-बच्चा सर्वे: गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं का एक बड़ा हिस्सा अभी भी मातृत्व लाभ से वंचित है
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 मातृत्व लाभ के लिए गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए केंद्र सरकार द्वारा 6,000 रुपए/ - प्रति बच्चा की गारंटी देता है. इस अधिनियन में वह शामिल नहीं हैं, जो केंद्र सरकार या राज्य सरकारों या सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के साथ या अन्य कानूनों के तहत नियमित रोजगार में रहते हुए इस तरह के लाभ उठा रहे हैं. एनएफएसए-2013 भी कानूनी...
More »नई ILO रिपोर्ट: टेक्नोलॉजी आधारित नए डिजिटल श्रम प्लेटफार्म श्रमिकों के अधिकारों की अनदेखी कर रहे हैं!
वेबआधारित और प्लेटफॉर्म श्रमिकों द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाएं हम में से हर एक के जीवन को प्रभावित करती हैं, लेकिन श्रम क्षेत्र को बदलने में डिजिटल श्रम प्लेटफार्मों की भूमिका के बारे में ऐसी जानकारियां बहुत कम है. ऐसे डिजिटल श्रम प्लेटफार्मों ने श्रमिकों, व्यवसायों और समाज के लिए अभूतपूर्व अवसर पैदा किए हैं. हालांकि, ये डिजिटल प्लेटफॉर्म उचित काम और निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा के लिए गंभीर खतरे भी पैदा...
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