शैबाल गुप्ता जाने-माने अर्थशास्त्री और एशियन डेवलपमेंट रिसर्च इंस्टीट्यूट (आद्री) के सदस्य सचिव हैं. पिछले दिनों इलाहाबाद स्थित गोविंद बल्लभ पंत सोशल साइंस इंस्टीट्यूट ने उन्हें 29वें ‘गोविंद बल्लभ पंत मेमोरियल लेक्चर' में व्याख्यान देने के लिए आमंत्रित किया था. इस अवसर पर बोलने के लिए उन्होंने जो विषय चुना, उसका शीर्षक था- ‘आइडिया ऑफ द हिंदी हार्टलैंड'. हिंदी में इसे ‘हिंदी प्रदेश की धारणा' कहा जा सकता है. इस...
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स्टील प्लांट के मुआवजे पर चिटफंड कंपनियों की नजर
जगदलपुर (ब्यूरो) । राजधानी व बिलासपुर में चिटफंड कंपनियों की बड़ी धांधली उजागर होने के बाद जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन के कान खड़े हो गए हैं। स्टील विलेज नगरनार में किसानों को मिले मुआवजे के बाद ग्रीनरे नामक कंपनी ने एवरग्रीन प्लान के तहत गोल्ड देने का प्रलोभन देकर चालीस फीसदी ग्रामीणों को जाल में फंसा लिया है। मुख्यालय के निर्देश पर जिला व पुलिस प्रशासन...
More »मेहनत का फल : कदम चूमने लगी कामयाबी
सचमुच मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती. वे जो ठानते हैं, कर दिखाते हैं. उदाहरण के तौर पर आप सीवान जिले के रिसौरा गांव के निर्मल कुमार को ले लीजिए. बचपन से पोलियोग्रस्त रहे. इसके बावजूद गांव से तीन किलोमीटर पैदल चल कर पढ़ाई पूरी की. उन्होंने दुनिया को बताया कि कैसे विपरीत परिस्थितियों में भी कामयाबी हासिल की जा सकती है. नि:शक्त होने के बावजूद दृढ़ इच्छाशक्ति...
More »सपनों के उत्पादन का धंधा- एम जे अकबर
भारतीय लोकप्रिय साहित्य में भूत-कथाओं को तवज्जो क्यों नहीं दी जाती? इसका सीधा-सा कारण है कि भारत में अखबारों के बीच काफी मारा-मारी है. ‘बेबुनियाद और असंभव’ की कल्पना के मामले में कौन सा लेखक दिन की खबरों से मुकाबला कर सकता है? भारत में, जहां खुद को भगवान घोषित करनेवाले बदमाशों की कमी नहीं है, क्या हमें भूत-कथाएं लिखनेवाले बाम स्टोकर या ड्रैक्यूला के किस्सों की कोई जरूरत है!...
More »24 छात्रों को पढ़ाने के लिए आठ शिक्षक थे फिर भी कोई पास नहीं हुआ
रामगढ़, अलवर/अजमेर। पिपरोली के राजकीय माध्यमिक विद्यालय में केवल 24 छात्रों को पढ़ाने के लिए आठ शिक्षक थे लेकिन सब मिलकर भी किसी को दसवीं की परीक्षा पास नहीं करवा पाए। यहां दसवीं का परिणाम शून्य रहने पर ग्रामीणों ने सोमवार को शिक्षा सत्र शुरू होने के पहले ही दिन स्कूल गेट पर ताला जड़कर शिक्षकों को घर जाने की नसीहत दे दी। स्कूल में दसवीं कक्षा में पढऩे वाले सभी...
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