छत्तीसगढ़ के राजिम-नवापारा में मुझे कुछ समय पहले जाने का मौका मिला। वहां सामाजिक कार्यकर्ता रामगुलाम सिन्हा रहते हैं। उन्होंने मुझे उनकी प्रेरक संस्था के काम को देखने के लिए बुलाया था। वे गरियाबंद के कमार आदिवासियों के बीच में लम्बे समय से काम कर रहे हैं। कमार, आदिम जनजातियों में एक हैं। जो अब भी उनकी पारंपरिक जीवनशैली के करीब हैं और निर्धन हैं। यह आदिवासी गरियाबंद, छुरा और...
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ग्राउंड रिपोर्ट: सूखे बिहार में इस बार का छठ “पर्व” जैसा नहीं है, क्यों?
'नहाय-खाय' के साथ रविवार से छठ का पर्व शुरू हो चुका है. छठ की परंपरा के अनुसार 'नहाय-खाय' के दिन से ही व्रत करने वाले चार दिनों का अनुष्ठान शुरू करते हैं. व्रत करने वाले इस दिन जहां संभव होता है गंगा या किसी नदी के जल से या फिर जहां इंतजाम होता है वहां कुंआ अथवा पोखरे के जल से नहाने के बाद लौकी (कद्दु)-चने की दाल की सब्जी और...
More »आचार संहिता के कारण किसानों के 35 करोड़ रुपए भी अटके
विनय बोथरा, बागली (देवास)। भावांतर योजना के तहत सोयाबीन, मक्का आदि उपज की खरीदी 20 अक्टूबर से शुरू हो गई है, लेकिन योजना के तहत अप्रैल-मई में बेची गई प्याज और लहसुन पर मिलने वाला बोनस छह माह बाद भी किसानों को नहीं मिला है। आचार संहिता के चलते करीब 35 करोड़ रुपए का भुगतान अटक गया है। चुनाव के ठीक पहले किसानों की नाराजगी का डर भाजपा विधायकों और...
More »धरातल पर एमएसपी की स्थिति-- अवनीन्द्र नाथ ठाकुर
पिछले दिनों केंद्र सरकार ने कई फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्यों (एमएसपी) में वृद्धि की और साथ ही किसानों की आय को दोगुनी करने की अपनी प्रतिबद्धता को सामने रखने की कोशिश भी की. इन मूल्यों में वृद्धि की घोषणा भले ही देर से आयी, लेकिन इस दिशा में यह एक सकारात्मक कदम साबित हो सकता है. अब महत्वपूर्ण प्रश्न यह है कि क्या इन मूल्यों में वृद्धि ही किसानों...
More »सूखे में हो रही बारिश-- कुमार प्रशांत
किसान खुशहाल हो गये! अब किसान नेता अपने-अपने अांदोलन वापस ले लें. सूखे के अांकड़ों की ऐसी बारिश हुई है कि धरती अाप्लावित हो गयी है. प्रधानमंत्री ने कबीर-भूमि पर जाकर शताब्दियों का ऐसा कॉकटेल बनाया कि इतिहास अौर इतिहासकार सभी चारों खाने चित हो गये. उन्होंने ‘मेरे किसान भाइयों' की तरफ नजर घुमायी अौर एक ऐसी लकीर खींच दी कि किसान इधर अौर समस्याएं उधर रह गयीं. किसानों को...
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