बुंदेलखंड के गांवों के लोग पलायन कर रहे हैं- पानी की कमी के चलते। अगली बरसात दस महीने दूर है और बुंदेलखंड से जल संकट, पलायन और बेबसी की खबरें आने लगी हैं। वैसे मध्यप्रदेश के तेईस जिलों की एक सौ दस तहसीलों को राज्य सरकार ने सूखा प्रभावित घोषित कर दिया है, जिनमें बुंदेलखंड में आने वाले सभी जिले शामिल हैं। हालांकि इस घोषणा से सूखा प्रभावितों की दिक्कतों...
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सूखे का असर, पांच महीने पहले आ गया पतझड़!
हरिओम गौड़, श्योपुर। इस साल श्योेपुर जिले में बारिश बेहद कम हुई है, इसीलिए जिला प्रशासन ने श्योपुर को जल अभाव ग्रस्त और प्रदेश सरकार ने जिले को सूखाग्रस्त घोषित कर दिया है। हालात यहां तक बिगड़ चुके हैं कि कई गांवों में कोसों दूर तक पीने का पानी नहीं इसलिए, ग्रामीण पलायन को मजबूर हैं। बिना पानी के गांवों की जनता ही नहीं पेड़ों के पत्ते भी पलायन करने...
More »नक्सली दहशत : गांव है पर रह नहीं सकते, खेत है पर बो नहीं सकते
राजेश शुक्ला, कांकेर। गांव है, पर रह नहीं पाते। खेत है, पर जोताई नहीं कर पाते। रिश्तेदार हैं, पर उनके साथ रहकर दुख-सुख नहीं बांट पाते। यह हाल है अनिल, चंद्रूराम, रामप्रसाद, बंसीलाल जैसे सैकड़ों किसानों का, जो नक्सली दहशत के चलते अपना गांव, घर-द्वार छोड़कर कई साल से दूसरे गांव में बसे हुए हैं। इनका इससे भी बड़ा दर्द यह है कि आज जब छत्तीसगढ़ सरकार धान बोनस बांट रही...
More »पशुपालन से टूटता मोह--- रीता सिंह
यह चिंताजनक है कि कृषि प्रधान देश भारत में पशुपालन के प्रति लोगों की अरुचि बढ़ती जा रही है। मवेशियों की संख्या में लगातार गिरावट हो रही है। आजादी के बाद से 1992 तक देश में मवेशियों की संख्या में लगातार इजाफा हुआ है। लेकिन उसके बाद इनकी संख्या में लगातार गिरावट दर्ज की गई है। 2007 में पशुओं की संख्या में मामूली वृद्धि हुई थी लेकिन उसके बाद इनकी...
More »बाढ़ के आकार का बढ़ते जाना -- दिनेश मिश्र
बिहार की बाढ़ फिर चर्चा में है। राज्य के 13 जिलों में नदियों ने कहर बरपा रखा है। अब तक 56 लोगों की मौत बाढ़ के कारण हो चुकी है और करीब 70 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में आवाजाही ठप है। जान-माल का भारी नुकसान हुआ है। इन इलाकों का हवाई सर्वेक्षण हो चुका है। बचाव व राहत कार्यों के लिए कई जगहों पर सेना भी उतारी...
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