-न्यूजक्लिक, खेतों में भी हम कमाते हैं, देश को भी हम चलाएंगे,..घरों को भी हम चलाते हैं, देश को भी हम चलाएंगे, महिला शक्ति आई है, नई रोशनी लाई है... और यह नारे लगाते हुए महिला किसानों का जत्था अपनी अनोखी और ऐतिहासिक संसद सजाने के लिए दिल्ली के जंतर-मंतर पहुंच गया। देश की संसद के समानांतर, तीन कृषि कानूनों के खिलाफ संघर्षरत किसानों ने किसान संसद का आह्वान किया और...
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महंगाई और महामारी: करोड़ों के हाथ आई गरीबी
-आउटलुक, “कोविड-19 से हर तबका प्रभावित, कोई बिजनेस बेचने तो कोई मेड का काम करने को मजबूर, लेकिन अमीरों की अमीरी भी बढ़ी” अभी एक ही दशक हुआ जब भारतीयों ने अपने खर्च के तौर-तरीके और जीवन शैली में बदलाव लाना शुरू किया था। वे बचत की परंपरागत सोच की जगह खर्च करने पर ज्यादा जोर दे रहे थे। भारतीयों की सोच में आए इस बदलाव पर पश्चिमी देशों का स्पष्ट प्रभाव...
More »20 वर्षों के विश्लेषण से हुआ ख़ुलासा, पेट्रोल और डीज़ल के बढ़े दामों से कभी भी इनकी खपत कम नहीं हुई है
-द प्रिंट, मार्च-अप्रैल में विधान सभा चुनावों के बाद से निरंतर वृद्धि के चलते, राष्ट्रीय राजधानी समेत देश के कई हिस्सों में, पेट्रोल के दाम 100 रुपए प्रति लीटर के निशान को पार कर गए. लेकिन, अगर क़ीमतें बढ़ रही हैं तो क्या ईंधन की खपत पर इसका असर नहीं होना चाहिए? वित्त वर्ष 1999-2000 और 2019-20 के बीच, 20 वर्षों के अधिकारिक आंकड़ों पर नज़र डालने पर पता चलता है, कि पेट्रोल...
More »दूध की कीमतों में दो रुपये लीटर की बढ़ोतरी, डेयरी और किसानों के लिए बढ़ती लागत मुख्य वजह
-रूरल वॉइस, अमूल ब्रांड के नाम से दूध और दूध उत्पाद बेचने वाली सहकारी संस्था गुजरात को-आपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (जीसीएमएमएफ) ने दूध की कीमतों में दो रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी कर दी है। दूध के सभी वेरिएंट की कीमतों में बढ़ोतरी की गई हैं और नई कीमतें 1 जुलाई यानी गुरूवार से देश भर में लागू हो जाएंगी। इसके चलते की ताजा दूध की अधिकतम कीमत 60 रुपये प्रति...
More »दिन महंगे ही अच्छे!
-न्यूजक्लिक, लगता है कि विरोधी तो विरोधी, भक्त भी भागवत जी की बात को पूरी तरह समझ नहीं पाए। बेशक, भागवत जी ने जब पॉजिटिविटी अनलिमिटेड का सूत्र दिया था, तब कोविड महामारी ने कुछ ज्यादा ही तबाही मचा रखी थी। कोई आक्सीजन की कमी से दम तोड़ रहा था, तो दवा की कमी से और कोई वेंटीलेटर की कमी से। कोई अस्पतालों के गलियारों में, तो कोई फुटपाथों पर। हद तो...
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