पुलिस की भर्ती में शारीरिक सौष्ठव और दम-खम एक अनिवार्य कसौटी रहती है। भर्ती के बाद प्रशिक्षण में शारीरिक चुस्ती, अपराधी की पहचान और उसकी धर-पकड़ आदि के कौशल सिखाए जाते हैं। पर इसी के साथ-साथ पुलिस के प्रशिक्षण में सामाजिक आयाम, खासकर जेंडर संवेदनशीलता को भी शामिल किया जाना चाहिए। छत्तीसगढ़ की चांदखुरी पुलिस एकेडमी, जो राजधानी रायपुर से मुश्किल से पच्चीस किलोमीटर दूर स्थित है, पिछले दिनों गलत कारणों...
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आसान नहीं इरोम की राह- अमरनाथ सिंह
अनशन तोड़ने से मानवाधिकार कार्यकर्ता इरोम चानू शर्मिला की आगे की राह आसान नहीं होगी। लेकिन यह भी सच है कि आखिर सोलह साल तक लगातार भूख हड़ताल करने पर भी उनकी एकसूत्री मांग पूरी नहीं हो पाई, अफस्पा (सशस्त्र बल विशेष अधिकार कानून) नहीं हट पाया। लंबे समय तक भूख हड़ताल से इरोम का शरीर जरूर कमजोर हुआ है लेकिन कठिनाइयों व चुनौतियों का सामना करने की उनकी आंतरिक...
More »बहुत दूर दिखती है मंजिल, सतत विकास सूचकांक में भारत 110वें स्थान पर
सतत विकास वैश्विक सामाजिक प्रगति रिपोर्ट में भारत के 98वें स्थान (133 देशों में) पर होने की निराशाजनक खबर के बाद अब चिंताजनक सूचना यह आयी है कि सतत विकास सूचकांक में हमारा देश 110वें (149 देशों में) पायदान पर खड़ा है. वर्ष 2030 तक गरीबी, भूख, अशिक्षा से मुक्ति के साथ बेहतर पर्यावरण का वैश्विक लक्ष्य पाने के हमारे प्रयासों पर यह एक गंभीर टिप्पणी है. इस रिपोर्ट की मुख्य...
More »सर्वे: UP के बाद राजस्थान में दलितों पर सबसे ज्यादा अत्याचार
नई दिल्ली। दलितों के खिलाफ होने वाले अपराधों में महिलाओं के साथ दुष्कर्म और यौन अपराधों के मामले सबसे ज्यादा रहते हैं और इस मामले में जनसंख्या अनुपात के लिहाज से गोवा की स्थिति सबसे खराब है जबकि अपराधों की संख्या के हिसाब से उत्तर प्रदेश पहले नबंर पर है। अपराध रिकार्ड ब्यूरो की ओर से जारी रिपोर्ट में यह खुलासा किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार गोवा में प्रति एक लाख...
More »जेंडर फ्रीडम का संदेश दे रहे हैं शिवहर के राकेश
गया : मर्द, औरत व ट्रांसजेंडर सबका सम्मान और सबके बीच शांतिपूर्ण माहौल, महिलाओं पर एसिड अटैक के खिलाफ व समाज को बदलने के जुनून के साथ देश भर में साइकिल यात्रा पर निकले राकेश कुमार सिंह गुरुवार को गया पहुंचे. यहां वह महिला सामख्या के सदस्यों के साथ मुलाकात कर अपने उद्देश्य के बारे में बताया. राकेश कुमार सिंह ने कहा कि प्रांत, बोली, लिबास, धर्म, जाति या आर्थिक-सामाजिक हैसियत...
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