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केंद्रीय कारा के 130 बंदियों ने मांगी इच्छा मृत्यु

रांची : बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा, होटवार में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 130 बंदियों ने इच्छा मृत्यु की मांग की है. बंदियों ने इसे लेकर जेल अधीक्षक अशोक चौधरी को आवेदन दिया है. वहीं इसकी प्रतिलिपि सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, झारखंड हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, मुख्यमंत्री, राज्यपाल व जेल आइजी सहित कई अधिकारियों को भेजी है. आजीवन कारावास की सजा काट चुके...

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कभी गांव में निर्वस्त्र घुमाई गई महिला पंचायत चुनाव के मैदान में

आशुतोष शर्मा, महासमुंद। बिसाहिन बाई को टोनही बताया गया, उन पर और उनके गांव की अन्य दो महिलाओं पर बेइंतहा जुल्म ढाए गए लेकिन बिसाहिन बाई ने हिम्मत नहीं हारी और आज वह प्रदेश भर में टोनही प्रताड़ना का दंश झेल रही महिलाओं के लिए प्रेरणा की संवाहक बन गई हैं। महासमुंद जिले की सरहद पर बसे गरियाबंद जिले के गांव लचकेरा में 22 अक्टूबर 2001 को एक बेहद शर्मनाक...

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गुड न्यूज : आठ हजार शिक्षकों की नियुक्ति होगी

रांची : राज्य के अपग्रेड उच्च विद्यालय व राजकीयकृत उच्च विद्यालय में शिक्षक नियुक्ति की अधियाचना कार्मिक विभाग को भेज दी गयी है. मानव संसाधन विकास विभाग ने दूसरी बार अधियाचना कार्मिक को भेजी है. कार्मिक विभाग द्वारा प्रस्ताव के कुछ बिंदुओं पर जानकारी मांगी गयी थी. शिक्षा विभाग द्वारा इन जानकारियों के साथ, फिर से अधियाचना भेजी गयी है. राज्य के 881 अपग्रेड उच्च विद्यालय में 6,555 व राजकीयकृत उच्च...

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सुरक्षा कवच है सीएनटी एक्ट: सोरेंग

रांची: छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम (सीएनटी एक्ट) के 106 वर्ष पूरे होने के मौके पर सत्यभारती सभागार, पुरुलिया रोड में ‘भू अधिकार दिवस कार्यक्रम' का आयोजन हुआ. इसमें आदिवासी मामलों के जानकार, अधिवक्ता जेवियर सोरेंग ने कहा कि सीएनटी एक्ट हमारी धरोहर और हमारे पूर्वजों के संघर्ष का परिणाम है. इसके प्रावधान हमारे सुरक्षा कवच हैं. यदि इसमें संशोधन की बात आती है, तो पहले उन लोगों का नजरिया समझना...

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ओझल आदिवासी समाज- विनोद कुमार

जनसत्ता 26 अगस्त, 2014 : आदिवासी समाज के बारे में इधर हमारी दृष्टि बदली है। बावजूद इसके आदिवासी बहुल इलाकों के बाहर आदिवासी समाज के बारे में अब भी एक कौतूहल का भाव रहता है। इस परिप्रेक्ष्य में यह जानना दिलचस्प होगा कि गैर-आदिवासी समाज आज भी आदिवासी समाज को किस रूप में देखता है। राजनेताओं की नजर में आदिवासी समाज की अहमियत क्या है, इसे हम कुछ उदाहरणों से...

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