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गुड न्यूज: अब लड़कियां नहीं बनेंगी बालिका वधु !-- संजय

प्रभात खबर,गिरिडीह जिले के गिरिडीह प्रखंड स्थित अलगुंदा पंचायत की सलमा तरन्नुम पांच किमी दूर लेदा के टिकैत रामेश्वर प्रसाद हाई स्कूल में पढ़ती है. दसवीं कक्षा की सलमा उन किस्मतवाली बच्चियों में शामिल है, जिनको गिरिडीह जिले की हजारों बच्चियों की तरह बालिका वधु नहीं बनना पड़ता. झारखंड के देवघर जिले के बाद गिरिडीह में सर्वाधिक बाल विवाह होता है. यहां लड़कियों की शादी 14 से 17 साल के बीच...

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विकसित राज्यों में घट रही हैं बेटियां-- नई रिपोर्ट

एक नई रिपोर्ट के मुताबिक देश में बाल लिंग-अनुपात बीते एक दशक में घटा है। साल 2001 में देश में बाल लिंग -अनुपात 927 था जो 2011 में घटकर 918 हो गया। मिसिंग गर्ल्स: मैपिंग द एडवर्स चाइल्ड सेक्स रेशियो इन इंडिया नामक इस रिपोर्ट के अनुसार देश के कुल 640 जिलों में से 429 जिलों में बाल लिंग अनुपात में कमी आई है। (देखें नीचे दी गई लिंक).   रिपोर्ट के...

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महिलाओं को सशक्‍त बनाने के लिए 14 और जिलों में बनेंगे शौर्या दल

भोपाल । मध्यप्रदेश सरकार ने प्रदेश की हिंसा की शिकार और सामाजिक कुरीतियों से पीड़ित महिलाओं को ताकत देने के लिये शौर्या दल बनाकर महिलाओं के पक्ष में एक बेहतर वातावरण बनाया है। एक साल पूर्व शौर्या दल का गठन पायलेट प्रोजेक्ट में मण्डला, डिण्डोरी, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना और बालाघाट में किया गया। इन जिलों में शौर्या दल ने बेहतर परिणाम हासिल किये। अब प्रदेश के 14 जिले भोपाल, सीहोर, राजगढ़,...

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स्त्री सशक्तीकरण की शर्तें- विकास नारायण राय

जनसत्ता 16 जून, 2014 : बलात्कार और हत्या पर राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए बदायूं के कटरा सादतगंज गांव में पहुंचने वाले राजनीतिकों को उपेक्षा से नहीं लेना चाहिए। न इस जमात के दूर से ऊलजलूल अर्द्ध-सत्य बोलने वालों को। दरअसल, इन सतही कवायदों में स्त्री-सशक्तीकरण के पैरोकारों के लिए एक निहित संदेश है- स्त्री-विरुद्ध हिंसा के मसलों पर समग्र राजनीतिक एजेंडे की सख्त जरूरत है। मीडिया, एनजीओ और कानून...

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यौन उत्पीड़न की जमीन- विकास नारायण राय

जनसत्ता 17 दिसंबर, 2013 :  यौनिक हिंसा के चर्चित प्रकरणों पर इन दिनों चल रही राजनीति के बीच हमें स्त्री उत्पीड़न की बुनियादों को नहीं भूलना चाहिए। लगता है जैसे सत्ता-केंद्रों की आपसी खींचतान कहीं असली मुद्दों को हड़प न ले! अन्यथा शीर्ष न्यायालय के जज, अति महत्त्वाकांक्षी राजनीतिक, चर्चित मीडिया संपादकऔर भक्तों-संपत्तियों के धर्मगुरु को लपेटे में लेने वाले ये शर्मनाक प्रकरण, स्त्री विरुद्ध हिंसा के व्यापक लैंगिक संदर्भों...

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