काफी समय पहले अमेरिका में एक प्रमुख स्कूल द्वारा आयोजित ‘एजुकेशन थिंकटैंक कांफ्रेन्स' में हिस्सा लेने के दौरान मुझे यह समझ आया था कि फिनलैंड और स्वीडन जैसे कुछ देशों को छोड़ दें, तो आम तौर पर पूरी दुनिया स्कूली शिक्षा में गुणवत्ता के मुद्दे से जूझ रही है। कांफ्रेन्स में 70 देशों के प्रतिनिधि मौजूद थे और उनमें से अधिकांश अपने देश में शिक्षा की खराब गुणवत्ता का रोना...
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शिक्षा की तस्वीर संवारने के जतन - प्रकाश जावडेकर
प्रत्येक कक्षा में विद्यार्थियों को मिलने वाले ज्ञान यानी लर्निंग आउटकम की बात तो खूब होती थी, लेकिन उसकी व्याख्या कभी नहीं हो पाई। हमारी सरकार ने यह काम किया है। लर्निंग आउटकम की व्याख्या करने से यह सुनिश्चित हो गया कि अब हर कक्षा में हर विषय में क्या ज्ञान छात्रों को होना ही चाहिए। एनसीईआरटी ने लर्निंग आउटकम तैयार कर उसे लगभग 40 लाख शिक्षकों तक पहुंचाया और...
More »आर्थिक प्रबंधन की मुश्किलें -- अजीत रानाडे
हाल ही में विश्व के दो अहम निकायों ने भारतीय अर्थव्यवस्था पर अपनी चेतावनियां जारी की हैं. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) ने इस वर्ष के साथ ही अगले वर्ष के लिए भी भारत की विकास दर को लेकर अपने अनुमान नीचे किये हैं, जिनमें 2018 के लिए अनुमान तो बस 7.4 प्रतिशत से घटकर 7.3 प्रतिशत तक ही गिरे हैं, पर अगले वर्ष के लिए उसने इसे 7.8 प्रतिशत से...
More »बच्चे पास हो गए, नीति फेल हो गई-- हरिवंश चतुर्वेदी
अब फिर से पांचवीं और आठवीं कक्षाओं में फेल होने वाले बच्चों को रोका जा सकेगा। शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2010 का यह मुख्य प्रावधान था कि आठवीं कक्षा तक बच्चों को फेल नहीं किया जाएगा। लोकसभा ने इसके लिए अधिनियम में संशोधन कर दिया है। मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर का कहना था कि बच्चों को फेल न करने की नीति से स्कूली शिक्षा व्यवस्था चरमरा रही थी और...
More »बिहार के कारण नहीं पिछड़ा भारत- डॉ शैबाल गुप्ता
पिछले दिनों नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने एक बयान दिया- 'बिहार, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के कारण भारत पिछड़ा बना हुआ है.' इस बयान में कोई सच्चाई नहीं है और न ही इसका कोई ठोस आधार ही है. इस बयान को दो ढंग से लिया जा सकता है. एक : शायद अमिताभ कांत भारत के अल्पविकसित होने के क्रम-काल को नहीं समझ पाये, इसलिए उनको लगा कि...
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