-डाउन टू अर्थ, एक शोध से पता चला है कि स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम) से साल भर में हर घर को करीब 53,536 रुपए (727 डॉलर) का फायदा हुआ। जर्नल वर्ल्ड डेवलपमेंट में छपे इस अध्ययन के अनुसार यदि इस मिशन से हुए फायदे को देखें तो, 10 वर्षों के दौरान इस परियोजना पर जितना खर्च किया गया है वो उससे 4.3 गुना ज्यादा है। शोध के अनुसार जहां इस मिशन के...
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हर चार में से तीन ग्रामीण भारतीयों को नहीं मिल पाता पौष्टिक आहार: रिपोर्ट
-द वायर, इंटरनेशनल फूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टिट्यूट द्वारा प्रकाशित एक पेपर में कहा गया है कि ग्रामीण इलाकों में रहने वाले हर चार में से तीन भारतीयों को पौष्टिक आहार नहीं मिल पाता है. बता दें कि हाल में जारी वैश्विक भूख सूचकांक 2020 में भारत 107 देशों की सूची में 94वें स्थान पर है और भूख की ‘गंभीर’ श्रेणी में है. विशेषज्ञों ने इसके लिए खराब कार्यान्वयन प्रक्रियाओं, प्रभावी निगरानी की कमी, कुपोषण से निपटने का...
More »SOFI 2020 रिपोर्ट: अन्य दक्षिण एशियाई देशों के मुकाबले भारत की खाद्य और पोषण सुरक्षा कमजोर
30 अगस्त, 2020 को दिए गए अपने मन की बात भाषण में, प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सितंबर 2020 का महीना पूरे राष्ट्र में पोषण माह के रूप में मनाया जाएगा. अपनी मन की बात में राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में, उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि बच्चों के पोषण के लिए माँ को उचित और पर्याप्त पोषण मिलना चाहिए. इस संदर्भ में, खाद्य और पोषण...
More »वो सुधा भारद्वाज, जिनके बारे में सरकार नहीं चाहती कि आप ज्यादा जानें
-न्यूजलॉन्ड्री, दिसंबर 2019 में छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में एक दूषित जल शोधन संयंत्र में काम करने वाले राजकुमार साहू ने 1000 किलोमीटर की दूरी तय करके पुणे जेल में बंद 59 वर्षीय वकील सुधा भारद्वाज से मुलाकात की. पुलिस द्वारा कोर्ट लाए जाते समय कुछ पलों की भेंट के लिए इतनी लंबी यात्रा का क्या औचित्य है, इसे समझाते हुए 50 वर्षीय साहू ने बताया, "वे केवल हमारी यूनियन की...
More »ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों को ठीक से लागू करने के लिए सरकारी कर्मचारी कहां हैं?
केंद्र सरकार द्वारा हर साल अपने वार्षिक बजट में ग्रामीण और कृषि क्षेत्रों के लिए भारी रकम आवंटित की जाती है. लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में पर्याप्त संख्या में अधिकारी नहीं होते हैं, तो क्या अधिकारियों की कमी के चलते सरकार की विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों को ठीक से लागू किया जा सकता है? यदि हम इस मुद्दे के बारे में गहराई से सोचें तो हमें जवाब तो आसानी से मिल...
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