SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 959

एक व्यक्ति के स्वास्थ्य पर हर रोज महज 4.8 रुपए खर्च करती है सरकार

-न्यूजलॉन्ड्री, देश में सरकार हर व्यक्ति के स्वास्थ्य पर रोज करीब 4.8 रुपए खर्च करती है. यह जानकारी नेशनल हेल्थ अकाउंट (एनएचए) द्वारा जारी रिपोर्ट में सामने आई है. 2017-18 के लिए जारी आंकड़ों के अनुसार सरकार ने इस दौरान प्रति व्यक्ति स्वास्थ्य पर करीब 1,753 रुपए खर्च किए हैं, जबकि 2013-14 में यह राशि करीब 1,042 रुपए थी, देखा जाए तो पिछले चार वर्षों में 711 रुपए की बढ़ोतरी हुई...

More »

कार्डधारकों को अक्टूबर से आवंटित नहीं किया गया राशन, अंत्योदय कार्डवालों के खाते से 2 किलो अनाज की हो रही कटौती

-न्यूजविंग, गढ़वा में राशन वितरण सेवा में गड़बड़ियों की रिपोर्ट सामने आयी है. भोजन का अधिकार अभियान से जुड़े सदस्यों जेम्स हेरेंज, मिथिलेश कुमार समेत अन्य लोगों ने 1 और 2 दिसंबर को जिले के बड़गढ़ ब्लॉक का क्षेत्र भ्रमण किया था. इस दौरान तीन पीडीएस सेवा प्रदाताओं के अलावा बीडीओ और ग्रामीणों से भी बात की थी. परसवार पंचायत के कलाखजुरी गांव में ग्रामीणों के साथ बैठक भी हुई. इस दौरान...

More »

मुंबई-दिल्ली नहीं बल्कि कोयंबटूर-इंदौर-सूरत लिखेंगे भारत में शहरीकरण की कामयाबी की कहानी

-द प्रिंट, शहरों की रैंकिंग तय करना भी एक फलता-फूलता व्यवसाय हो गया है. दि इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट ने सबसे महंगे और सबसे सस्ते शहरों की ताजा रैंकिंग इस सप्ताह घोषित की. अहमदाबाद दुनिया के सबसे सस्ते शहरों में टॉप-10 की लिस्ट में दमिश्क और त्रिपोली जैसे तबाह शहरों के साथ मौजूद है. इससे पहले सरकार ने भारत के सबसे स्वच्छ शहरों की नई सूची जारी की थी जिसमें इंदौर एक...

More »

कम बजट, चिकित्सकों की कमी के बीच दम तोड़ती उत्तराखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था

-इंडियास्पेंड, उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में पुरोला ब्लॉक के बेस्टी गांव की रक्सीना देवी को इस साल 27 फरवरी को प्रसव पीड़ा हुई, घरवाले उन्हें करीब 10 किलोमीटर दूर स्थित पुरोला के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर गए जहां उन्होंने बच्चे को जन्म दिया। लेकिन इस दौरान काफी रक्तस्त्राव होने के कारण रक्सीना देवी को देहरादून के लिए रेफर किया गया। "हमें बताया कि नौगॉव की एम्बुलेंस ख़राब होने के कारण बड़कोट से...

More »

असम के दक्षिण-पश्चिमी जिलों में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति बेहद दयनीय – I

-न्यूजक्लिक, दुनियाभर में कोविड-19 के प्रसार ने एक प्रकार से भानुमति का पिटारा ही खोलकर रख दिया है, क्योंकि अधिकाँश देशों में मामलों की संख्या में दिन-दूनी रात-चौगुनी वृद्धि से निपटने के मामलों में बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं को बेहद अपर्याप्त पाया गया था। कई देशों में मौतों को रोक पाना बेहद दुष्कर कार्य जान पड़ा। महामारी ने वैज्ञानिक समुदाय के सामने एक हिमालय जैसी अलंघ्यनीय चुनौती पेश कर दी थी –...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close