क्या आप मानते हैं कि ‘भारत महिलाओं के लिए सबसे खतरनाक' देश है जैसा कि एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था ने हाल में जनमत सर्वेक्षण के आधार पर कहा था ? या आपको लगता है कि ऐसा कहना किसी ‘देश को बदनाम' करने की कोशिश है, जैसा कि भारत सरकार ने कहा ? अपना जवाब तय करने से पहले खूब गौर से सोचिए क्योंकि एक नई रिपोर्ट आयी है, इस बार देश के भीतर से ही आयी है और...
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आदिवासी अधिकार के नाम पर- शशिशेखर
जिस समय कश्मीर का अलगाववाद पूरे देश में चिंता का विषय बना हुआ है, ठीक उसी समय झारखंड के कुरूंगा गांव में एक दूसरा दृश्य दिख रहा है। वहां एक शिलालेख पर लिखा है- ‘भारत में गैर आदिवासी दिकु, विदेशी केंद्र सरकार को शासन चलाने और रहने का लीज एग्रीमेंट 1969 ई. में ही समाप्त हो गया है।' ‘वोटर कार्ड (मतदान पहचान पत्र) और आधार कार्ड (आम आदमी का अधिकार कार्ड) आदिवासी...
More »नहीं थम रहा सुपेबेड़ा में किडनी की बीमारी से ग्रामीणों की मौत का सिलसिला
शुभम भटनागर, देवभोग। गरियाबंद जिले की यह सीट कई तरह की समस्याओं से ग्रस्त है। इस बार सुपेबेड़ा में किडनी की बीमारी से हो रही मौत का सिलसिला, नेशनल हाइवे का अधूरा निर्माण व बिजली चुनावी समर में बड़ा उलटफेर कर सकते हैं। हालांकि जिला प्रशासन की टीम सुपेबेड़ा में इलाज के लिए डटी हुई है। स्कूलों में शिक्षकों की कमी बरकरार है। गांवों में खेतों को पानी नहीं मिल रहा...
More »बेरोजगारी की गंभीर चुनौती-- आशुतोष चतुर्वेदी
कुछ दिन पहले बिहार के मुंगेर जिले से एक चौंकाने वाली खबर आयी कि रेलवे में नौकरी के लिए बेटे ने अपने पिता की हत्या की सुपारी दे दी. खबर बहुत सुर्खियों में नहीं आ सकी, इसलिए बहुत लोगों का ध्यान इस ओर नहीं गया. रेलवे कर्मचारी को गोली मारकर हत्या के प्रयास में एक दिन बाद पुलिस ने आरोपी बेटे को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस के अनुसार बेटे ने...
More »कम हो रही हैं श्रमबल में महिलाएं-- अजीत रानाडे
भारत की श्रमबल भागीदारी दर (एलएफपीआर) में महिलाओं का हिस्सा पिछले तेरह वर्षों के दौरान तेजी से गिरा है. यह कामकाजी उम्र की महिलाओं की कुल संख्या की तुलना में वैसी महिलाओं का अनुपात है, जो पारिश्रमिक पाते हुए रोजगार कर रही हैं. इस अनुपात में आयी गिरावट दरअसल एक अरसे के दौरान आयी है. अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन की रिपोर्ट के अनुसार, 15 वर्ष से 24 वर्ष की महिलाओं...
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