पारी हिंदी, 10 अक्टूबर हरेश्वर दास कहते हैं, ''जब पानी चढ़ता है, तो हमारी रूह कांपने लगती है.'' असम के बगरीबारी के इस रहवासी के अनुसार मॉनसून के महीनों में गांववालों को हमेशा सतर्क रहना होता है, क्योंकि पास की पुठिमारी नदी में जलस्तर बढ़ने से उनके घर और फ़सलें तबाह हो सकती हैं. उनकी पत्नी साबित्री दास बताती हैं, “हमें अपने कपड़े पैक करने होते हैं और बारिश होने की दशा...
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बांध सुरक्षा और पूर्व चेतावनी प्रणाली की अनदेखी ने बनाया सिक्किम की बाढ़ को घातक
मोंगाबे हिंदी,10 अक्टूबर साल 2011 में सिक्किम में आए 6.9 तीव्रता के भूकंप की याद में हर साल 18 सितंबर को राज्य में आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस साल भी तीस्ता नदी में आने वाली बाढ़ को लेकर तैयारियों पर ध्यान दिया गया। लेकिन कुछ हफ़्तों के बाद ऐसा हुआ जिसका राज्य और बांध अधिकारियों को आपदा के पैमाने का अनुमान नहीं तक था। यह...
More »कठिन मौसम और बढ़ते पर्यटन के बीच बढ़ती लद्दाख की कचरे की समस्या
मोंगाबे हिंदी, 9 अक्टूबर केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख पिछले कुछ सालों में एक बड़े पर्यटन स्थल के रूप में उभरा है। हर साल गर्मी के मौसम में यहां सैलानियों की भीड़ लगी होती है। सिर्फ देश ही नहीं बल्कि दुनिया के विभिन्न भागों से पर्यटक यहां खासी तादाद में आते हैं। जहां एक और पर्यटकों की संख्या और उनके लद्दाख में रुकने की अवधि बढ़ने से प्रदेश की आमदनी में इज़ाफ़ा हो...
More »सूखा प्रतिरोधी बाजरा क्या भारत में खाद्य सुरक्षा का रास्ता खोल सकता है?
द थर्ड पोल, 10 अक्टूबर भारत सरकार, घरेलू स्तर पर और दुनिया भर में भारतीय दूतावासों के माध्यम से कम खपत वाली, जलवायु के लिहाज से लोचशील फसल, बाजरा की प्रोफाइल बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रयास कर रही है। इस प्रयास को विश्व स्तर पर मान्यता भी मिल रही है। जनवरी में, भारत के एक प्रस्ताव के बाद, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2023 को अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष घोषित किया। जून में,...
More »‘अगर एक आशा कार्यकर्ता 4,000 रुपये में गुज़ारा कर सकती है, तो हमारे प्रधानमंत्री क्यों नहीं’
द वायर हिंदी, 9 अक्टूबर ‘हम पिछले 60 दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, क्योंकि हमें हर महीने केवल 4,000 रुपये का भुगतान किया जाता है.’ ये बात बीते 5 अक्टूबर को राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित एक विरोध प्रदर्शन के दौरान हरियाणा के झज्जर की आशा कार्यकर्ता अनीता ने कही. अनीता की आवाज 26 राज्यों की 7,000 से अधिक महिलाओं की आवाज में से एक थी, जो नरेंद्र मोदी सरकार और...
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