-डाउन टू अर्थ, मसूरी के लंडोर में रहते हुए मुझे दो साल से अधिक हो गए हैं लेकिन मैंने कभी जुगनुओं को नहीं देखा था। स्थानीय लोग बताते हैं कि उन्होंने भी पिछले दो दशकों से जुगनू नहीं देखे। दुनियाभर में जुगनुओं के गायब होने का जो ट्रेंड देखा जा रहा है, लंडोर भी उससे अछूता नहीं है। लेकिन मुझे आश्चर्य उस वक्त हुआ जब इस साल जुलाई-अगस्त के महीने में...
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नए युग में धरती: सॉफ्ट शैल कछुआ प्रजाति की अंतिम मादा खत्म
-डाउन टू अर्थ, डाउन टू अर्थ, हिंदी मासिक पत्रिका के चार साल पूरे होने पर एक विशेषांक प्रकाशित किया गया है, जिसमें मौजूदा युग जिसे एंथ्रोपोसीन यानी मानव युग कहा जा रहा है पर विस्तृत जानकारियां दी गई है। इस विशेष लेख के कुछ भाग वेबसाइट पर प्रकाशित किए जा रहे हैं। पहली कड़ी में आपने पढ़ा- नए युग में धरती : कहानी हमारे अत्याचारों की । दूसरी कड़ी में आपने...
More »आदिवासियों के सवालों पर चुप्पी क्यों?
-डाउन टू अर्थ, भारत जैसे महादेश में आज आदिवासियत पर विमर्श अपरिहार्य है। वास्तव में यह केवल अस्मिता अथवा अधिकारों का मसला मात्र नहीं है - आदिवासियत की प्रासंगिकता उन तमाम संदर्भों से भी है, जो आदिवासी समाज के संपन्नता से विपन्नता तक के संक्षिप्त इतिहास में आज कहीं जाहिर-अजाहिर तौर पर दर्ज हैं। सरकारों के लिये आदिवासियत का पूर्ण-अपूर्ण अर्थ आदिवासी समाज का 'संवैधानिक दर्जा' है। एक ऐसा संवैधानिक दर्जा,...
More »गुजरात के गिर में 5 माह में 92 शेरों की मौत
-डाउन टू अर्थ, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब 10 जून को एशियाई शेरों की आबादी (2015 और 2020 के बीच 151) में 29% की ऐतिहासिक वृद्धि का जश्न मना रहे थे, उसी दौर में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा बनाई गई एक समिति की रिपोर्ट में बताया गया कि जनवरी से लेकर अबतक गुजरात के गिर लॉयन लैंडस्केप (जीएलएल) में 92 एशियाई शेरों की मौत हो चुकी है. कुछ शेर आपस...
More »अकेले वर्षावन ही नहीं, दुनिया के सभी जंगलों को बचाना है जरुरी: वैज्ञानिक
-डाउन टू अर्थ, एक नए अध्ययन से पता चला है कि अकेले वर्षावन में ही नहीं बल्कि समशीतोष्ण और उष्णकटिबंधीय शुष्क वनों में भी पेड़ों की हजारों ऐसी प्रजातियां हैं, जो अपने आप में बेजोड़ हैं| दुनियाभर में वर्षावनों को उसकी अनेकों दुर्लभ प्रजातियां के लिए जाना जाता है| यही वजह है कि जब जंगलों के संरक्षण की बात होती है, तो सबसे पहले वर्षावनों को बचाने पर ही ध्यान केंद्रित...
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