बहुतेरी संस्कृतियों में अन्याय के प्रतिरोध को सर्वोच्च मानवीय दायित्व का दर्जा दिया गया है। इसी क्रम में एक बहस सदियों से जारी है और आज भी प्रासंगिक बनी हुई है। यह है अत्याचार और अन्याय के प्रतिरोध में हिंसा की वैधता। सवाल यह है कि अगर राज्यसत्ता के कुछ सशक्त प्रतिनिधि अगर अन्यायपूर्ण हो गए हों तो क्या उनके प्रतिरोध के लिए हिंसा उचित है? दूसरे शब्दों में क्या न्याय के...
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पानी का निजीकरण यानी विनाश- कुमार प्रशांत
हमारे प्रधानमंत्री ने रहीम को कब और कितना पढ़ा, यह तो पता नहीं, लेकिन पिछले दिनों उन्होंने जल सप्ताह के आयोजन में पानी को लेकर जो बातें कहीं, उससे एक बात तो साफ हो गई कि उन्हें पानी की चाहे जितनी फिक्र हो, पानी की पहचान नहीं है। प्रकृति ने जो कुछ अक्षय और सर्वसुलभ बनाया था, उसमें सबसे पहले हवा और पानी का नाम आता है। कभी किसी ने सोचा...
More »अब जनता से दूर नहीं होंगे पहाड़ों के जंगल : विनोद भावुक
मंडी. पहाड़ के जंगल अब यहां की जनता के हो गए हैं। हिमाचल प्रदेश सरकार ने आदिवासी एवं अन्य परंपरागत वनवासी वनाधिकार मान्यता कानून 2006 अन्य वनवासी समुदायों के लिए भी लागू कर दिया है। सरकार ने 27 मार्च को सरकारी आदेश जारी कर दिए हैं। प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों में प्रदेश सरकार की ओर से 1 अप्रैल 2008 को ही इस कानून को लागू कर दिया गया था। अब अन्य...
More »लोकतंत्र के लिए खतरा हैं ‘पेड न्यूज’ : सोनी
त्रिसूर, 16 अप्रैल (एजेंसी) अंबिका सोनी ने कहा है कि ‘पेड न्यूज’ एक ऐसा रोग है जो स्वतंत्र और निष्पक्ष मीडिया को निगल जाने में सक्षम है। और लोकतंत्र के स्वास्थ्य के लिए इसे खत्म किया जाना जरूरी है । मलयालम अखबार ‘दीपिका’ की 125वीं वर्षंगांठ पर आयोजित समारोह में यहां कल शाम सूचना और प्रसारण मंत्री ने रेखांकित किया कि भारतीय प्रेस परिषद और चुनाव आयोग ने सामग्रियां जब्त की हैं...
More »बिहार कई विशेष दर्जा प्राप्त राज्यों से विकास के मानकों में पीछे
पटना/वार्ता। बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आज कहा कि प्रदेश विकास के कई मानकों में विशेष दर्जा प्राप्त राज्यों से भी कापी पीछे है। विधान सभा में बिहार विनियोग (संख्या दो) विधेयक 2012 को पेश करने के बाद श्री मोदी ने कहा कि बिहार विकास के कई मानकों में विशेष दर्जा प्राप्त राज्यों से भी काफी पीछे है। उन्होंने कहा कि बिहार में प्रति व्यक्ति आय विय वर्ष 2010-11...
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