SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 1025

शिक्षा भी, मजदूरी भी-- कृष्ण कुमार

कहते हैं, शब्दों की अपनी दुनिया होती है। कवि और कहानीकार शब्दों के जरिए हमें किसी और दुनिया में ले जाते हैं। फिर कानून रचने वाले क्यों पीछे रहें? नए बाल मजदूरी कानून का प्रयास कुछ ऐसा ही है। यह कानून कहता है कि छह से चौदह वर्ष के बच्चे स्कूल से घर लौट कर किसी ‘पारिवारिक उद्यम' में हाथ बंटाएं तो इसे मजदूरी नहीं माना जाएगा। इस सुघड़ तर्क...

More »

महाराष्‍ट्र में 222 करोड़ के छात्रवृत्‍ति घोटाले का पर्दाफाश

मुंबई। सरकार व महाराष्‍ट्र पुलिस ने मिलकर राज्‍य के शिक्षा विभाग में चल रहे बड़ी जालसाजी का भंडाफोड़ किया है। पिछले पांच वर्षों में केंद्र सरकार की छात्रवृत्ति योजना के तहत वितरित किए गए 222 करोड़ रुपए से अधिक की राशि धन की हेराफेरी के आरोपों की जांच करने के लिए 64 सरकारी ऑडिटर की मदद से पुलिस ने पूरे राज्‍य में बड़े स्‍तर पर जांच शुरू किया है। महाराष्‍ट्र पुलिस...

More »

स्वतंत्र भारत की महानतम लेखिका-- रविभूषण

स्वतंत्र भारत के बांग्ला साहित्य में ही नहीं, भारतीय साहित्य में भी महाश्वेता देवी (14 जनवरी, 1926- 28 जुलाई, 2016) ने जो नयी जमीन और दिशा दी, उसे आज उर्वर और सार्थक बनाना जरूरी है. बहुत कम लेखकों की पारिवारिक पृष्ठभूमि साहित्यिक रूप से समृद्ध होती है. दिनेश रंजन दास और गोकुलचंद्र नाग ने बीसवीं सदी के आरंभिक दशक में जिस 'कल्लोल' पत्रिका का आरंभ किया था, उससे बांग्ला साहित्य...

More »

दमन का दंश-- मुकेश भारद्वाज

नवउदारवाद के निजामों ने पिछले ढाई दशकों के दौरान स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के उदारवादी मूल्यों को चुनौती दी। बाजार के हाहाकार में सामंती मूल्यों को ही स्थापित करने की कोशिश की गई। स्त्रियों, दलितों सहित अन्य दमित वर्गों को समझाया गया कि बाजार सारी गैरबराबरी मिटा देगा। गुजरात का विकास मॉडल अभी बाजार में भुनाया ही जा रहा था कि कलक्टर साहब के दफ्तर के आगे और सड़कों पर...

More »

ये किसके बच्चे हैं-- कैलाशचंद्र कांडपाल

शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रहे लोगों के बीच सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों के बारे में कई धारणाएं व्याप्त हैं। एक विशेष धारणा इनके परिवारों को लेकर मौजूद है। इसके तहत यह कहा जाता है कि इनके अभिभावक शिक्षा के प्रति सजग नहीं हैं। ये बच्चे सीखना नहीं चाहते और इनको सिखाना असंभव नहीं तो बेहद चुनौतीपूर्ण है, ये स्कूल में अनियमित रहते हैं आदि। ये बातें...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close