नेलोर (आंध्र प्रदेश) / भुवनेश्वर : गहरे दवाब का क्षेत्र बनने से आये तेज चक्रवाती तूफान ‘रोनू' की वजह से आंध्र प्रदेश के नेलोर जिले में काफी जान माल की क्षति हुई है. जगह-जगह पेड़ और बिजली के खंभे टूट कर गिर गये हैं. भारी बारिश और तेज हवाओं की वजह से बहुत नुकसान हुआ है. तेज हवाओं ने जहां पेड़ को जड़ से उखाड़ दिया है वहीं शहर...
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सूखे की मार, हम जिम्मेवार--- भरत झुनझुनवाला
देश के कई हिस्से सूखे की चपेट में हैं. भूमिगत जलस्तर तेजी से नीचे गिर रहा है. आलम यह है कि समर्थवान अंगूर व मिर्च की खेती कर रहे हैं, जबकि सामान्य किसान पीने के पानी को भी तरस रहे हैं. साठ के दशक में हरित क्रांति के साथ-साथ देश में ट्यूबवेल से सिंचाई का विस्तार हुआ. गंगा के मैदानी इलाके में पहले भूमिगत जल-स्तर बरसात में 5-6 फुट और...
More »'मंत्रीजी! बिन पानी हमारे लड़के रह गए कुंआरे, अब तो कुछ करो'
रायसेन(मध्यप्रदेश)। मंत्री जी, चुनाव के समय तो आपने हाथ पर कलश-नारियल रखकर कसम खाई थी कि गांव में पानी-बिजली की समस्या जल्द खत्म कर देंगे। लेकिन अब क्या हुआ। चुनाव जीतने के बाद तो आप हमें भूल ही गए। यहां जवान लड़कों की शादियां नहीं हो रही हैं। जिनकी हो भी गई हैं, उनकी पत्नियां मायके से वापस ससुराल नहीं आना चाहती, क्योंकि गांव में दो से तीन किमी दूर से...
More »कितने करहीन हैं करोड़पति! --- अनिल रघुराज
कराग्रे वसते लक्ष्मी, करमूले सरस्वती; करमध्ये तू गोविंद, प्रभाते कर दर्शनम्।। सुबह-सुबह उठने पर अपने हाथों को इस तरह देखने का संस्कार हमें बड़ों से मिला है. लेकिन इसी 'कर' को अगर 'टैक्स' के संदर्भ में देखा जाये, तो पता चलता है कि जहां लक्ष्मी बहुतायत से बसती हैं, वहां करों का भयंकर टोटा है. क्या आप यकीन करेंगे कि 125.2 करोड़ की आबादी और 81.4 करोड़ मतदाताओं वाले देश...
More »बस्तर के स्कूलों में लौटने लगे हैं शिक्षक-- शुंभ्रांशु चौधरी
के. रमेश सरकारी शिक्षक हैं पर बीते छह साल से यानी जब से उनकी नौकरी लगी है वे अपने स्कूल नहीं जाते थे. हालांकि उनको महीने में 21,000 रूपये की तनख्वाह मिलती है. बस्तर में ऐसे सैकड़ों के. रमेश हैं जो झंडा शिक्षक के नाम से जाने जाते हैं. ये लोग 15 अगस्त और 26 जनवरी को अपने स्कूल में राष्ट्रीय झंडा फहराने जाते हैं. उनके झंडा फहराने के बाद नक्सली...
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