SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 956

सकारात्मकता का नतीजा, 50 लाख पेड़- सच्चिदानंद भारती

जब मैं यह लिख रहा हूं तो करीब 40 साल का काम आंखों में तैर रहा है। यह मेरे आसपास के 136 गांवों में फैला हुआ है। देवभूमि उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल और चमौली जिले के इन गांवों में हमने करीब 50 लाख पौधे रोपे। अब ये पहाड़ों पर आसमान चूमते हरे-भरे दरख्तों की शक्ल में सामने हैं, जिन्हें देखने देश-दुनिया के हजारों लोग आते हैं। मशहूर चिपको आंदोलन की...

More »

बिहार की 800 एकड़ सरकारी जमीन पर दबंगों का कब्जा

पटना : बिहार में भू माफियाओं द्वारा सैकड़ों एकड़ गोशाला की जमीन को अवैध रूप से कब्जा करने का मामला सामने आया है. इतना ही नहीं इस मामले में पटना हाइकोर्ट द्वारा राज्य सरकार को आदेश निर्गत करने के बाद भी बिहार सरकार जमीन को अतिक्रमण से मुक्त नहीं करा पा रही है. विधान परिषद में बीजेपी के पूर्णिया, अररिया और किशनगंज से विधान पार्षद डॉ. दिलीप जयसवाल ने सरकार...

More »

बिहार-- दक्षिण में नीचे गया पानी

विधानमंडल. हर प्रखंड के पांच-पांच चापाकलों की मापी : मंत्री दक्षिण बिहार के 17 जिलों में मार्च, 2014 व मार्च, 2015 की तुलना में भूगर्भ जल स्तर में दो फुट की गिरावट आयी है. इसमें नालंदा, पटना, गया, नवादा, लखीसराय, रोहतास, नवादा और औरंगाबाद जिले शामिल हैं. पटना : लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण(पीएचइडी) मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा ने बताया कि सरकार के सुशासन के कार्यक्रम के तहत...

More »

सोशल सेक्टर की कंपनियों ने किया 67 करोड़ का नुकसान

रायपुर। राज्य सरकार को पिछले सत्र में सोशल सेक्टर से जुड़ी सरकारी कंपनियों और कॉर्पोरेशन में वित्तीय प्रबंधन में खामियों के चलते करीब 67 करोड़ का नुकसान झेलना पड़ा है। सबसे बड़ा नुकसान ब्रेवरेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने किया। ब्रेवरेज कॉर्पोरेशन ने भारत में बनने वाली विदेशी शराब की कीमत टैक्स लगाकर बढ़ाने के बजाय अपने मार्जिन से इसे उसका भुगतान कर दिया। इससे कंपनी को 53.65 करोड़ का नुकसान झेलना पड़ा...

More »

कितने बदल रहे हैं हमारे गांव-- आर विक्रम सिंह

समस्याएं चिह्नित करना एक बात है, समाधान के रास्ते खोजना दूसरी बात। हमारे गांवों में अशिक्षा है, बेरोजगारी है, बीमारियां हैं, जमीनों के विवाद, मुकदमे हैं। जात-पांत की सामाजिक समस्याएं बरकरार हैं। हां, शोषण का वह रंग अब नहीं है, जो प्रेमचंद के उपन्यासों में मुखर होता है। कथित उच्च वर्ग में श्रम से अरुचि, दलित वर्ग में शिक्षा से अरुचि भी वहीं की वहीं है। नगरों की ओर पलायन...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close