सासाराम (ग्रामीण) : जिन हाथों में कलम होना चाहिए था, उन बच्चों को लाचारी ने हथौड़ा व जुटी प्लेट थमा दी. यही नहीं, कड़ी मेहनत के बावजूद नन्हें हाथों को दो जून की रोटी भी नहीं मिल पाती है. कर्ज के बोझ तले दबे माता-पिता ने इन बच्चों को पढ़ाने के बजाये भुखमरी से निबटने के लिए होटल चलाने वालों के हवाले अपने नन्हें बच्चों की जिंदगी कर देते...
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सवा 13 सौ पंचायतों में मनरेगा की फूटी कौड़ी खर्च नहीं
भोलाराम सिन्हा, रायपुर। छत्तीसगढ़ की एक हजार 327 ग्राम पंचायतों में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना मनरेगा के तहत चालू वित्तीय वर्ष में न तो कोई कार्य मंजूर नहीं किया गया है और न ही कोई राशि खर्च की गई है। जबकि राज्य की 150 तहसीलों में से 117 तहसीलों को सूखा प्रभावित घोषित किया गया है। इसके बावजूद राज्य की दस हजार 971 ग्राम पंचायतों में से एक...
More »न्यूनतम मजदूरी बढ़ाएगी सरकार
नई दिल्ली। सरकार न्यूनतम मजदूरी बढ़ाएगी और इसे पूरे देश में अनिवार्य बनाएगी। इसका मकसद वस्तुओं और सेवाओं की मांग बढ़ाकर अर्थव्यवस्था को रफ्तार देना और नई नौकरियां पैदा करना है। श्रम सचिव शंकर अग्रवाल ने गुरुवार को यह जानकारी दी। उद्योग संगठन सीआईआई की ओर से आयोजित एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए अग्रवाल ने कहा, "हम देशभर में न्यूनतम मजदूरी के लिए एक कानून बनाएंगे। मौजूदा कानून के विपरीत...
More »57 साल में 225 गुना बढ़ी सैलरी..- धर्मेन्द्रपाल सिंह
करीब पौने दो साल की मशक्कत के बाद केंद्र द्वारा गठित सातवें वेतन आयोग ने जो रिपोर्ट सौंपी है उससे भारत सरकार के सैंतालीस लाख कर्मचारियों और बावन लाख पेंशनभोगियों को सीधे-सीधे लाभ पहुंचेगा। परंपरा के अनुसार मामूली कतर-ब्योंत के बाद देश भर की राज्य सरकारें, स्वायत्तशासी संस्थान और सरकारी नियंत्रण वाली फर्म भी वेतन आयोग को अपना लेती हैं। इस हिसाब से इसका असर संगठित क्षेत्र के दो करोड़...
More »बाल श्रम, सरकार और समाज-- सुशील कुमार सिंह
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के अनुसार बाल श्रम (प्रतिबंध और नियमन) संशोधन विधेयक-2012 को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी मिल गई है। संभव है कि आने वाले शीत सत्र में इसे संसद के समक्ष पेश किया जाएगा। यह बदलाव 1986 के कानून को न केवल परिमार्जित करने से संबंधित है, बल्कि चौदह से अठारह वर्ष की उम्र के किशोरों के काम को लेकर नई परिभाषा भी गढ़ी जा रही है।...
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