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थके हुए 15 मज़दूर रेल की पटरी पर सो रहे थे, मालगाड़ी ने कुचल दिया

-लल्लनटॉप, महाराष्ट्र का जालना ज़िला. यहां 8 मई की सुबह एक बड़ा हादसा हो गया. ‘इंडिया टुडे’ के गोपाल गुप्ता की रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 15 प्रवासी मज़दूर जो रेल की पटरी पर सो रहे थे, उनके ऊपर से मालगाड़ी गुज़र गई. इनमें से बहुतों की मौत हो गई. कुछ बच्चे भी शामिल थे. घटना सुबह करीब 6:30 बजे की है. ये सभी जालना से औरंगाबाद के लिए निकले थे. वहीं...

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लॉकडाउन: खाली पेट ऑटो से 1400 किलोमीटर का सफ़र

न्यूजलॉन्ड्री, तीसरी बार लॉकडाउन बढ़ाने के बाद गृह मंत्रालय ने मजदूरों को शहर से उनके घरों तक जाने का आदेश दे दिया है. जिसके बाद कई राज्य सरकारें मजदूरों को बसों और ट्रेनों के जरिए अपने राज्य में वापस बुला रही हैं, लेकिन सरकार द्वारा देरी से लिए गए इस फैसले ने मजदूरों को ऐसे हाल में पहुंचा दिया जिसे वे कभी याद करना नहीं चाहेंगे और भूल भी नहीं सकते. लॉकडाउन...

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क्या दिहाड़ी मज़दूरों को बायोमिट्रिक प्रमाणीकरण के माध्यम से धोखा दिया गया है?

-न्यूजक्लिक, पिछले कुछ हफ़्तों में, दैनिक वेतन भोगियों की स्थिति विशेष रूप से निराशाजनक रही है। रोड स्कॉलर्ज़ ने छह राज्यों (छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश, ओडिशा और उत्तर प्रदेश) के ग्रामीण इलाकों में 100 से अधिक लोगों से टेलीफोन के माध्यम से दो चरणों (26-31 मार्च और 4-7 अप्रैल) का सर्वेक्षण किया था। इस सर्वेक्षण में पता चला कि ज्यादातर लोग इस बात से वाकिफ हैं कि कोविड-19 के...

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कोरोना वायरस: झारखंड़ लौटे मज़दूरों ने की खुद किराया चुकाने की बात

-बीबीसी, श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में यात्रा करने वाले मज़दूरों को अपनी जेब से टिकट के पैसे का भुगतान करना पड़ा है. अपने घर लौटने वाले मज़दूरों ने बीबीसी से बातचीत में यह बात बताई है कि इनसे किराये की पूरी रक़म वसूली गई थी.अलबत्ता केरल के तिरुवनंतपुरम से झारखंड के जसीडीह पहुँची विशेष ट्रेन के इन यात्री मज़दूरों को उनके घरों तक पहुँचाने के लिए झारखंड सरकार ने बसों का इंतज़ाम किया...

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कोविड-19: महज एक तिहाई प्रवासी मजदूरों को ही मिल रहा राहत घोषणाओं का फायदा

-डाउन टू अर्थ, इंस्टीट्यूट ऑफ ह्यूमन डेवलपमेंट (आईएचडी) के आकलन के मुताबिक, कोरोनावायरस महामारी के मद्देनजर जो राहत उपाय किए गए हैं, उसका लाभ देश के प्रवासी कामगारों के महज एक तिहाई हिस्से तक ही पहुंच पाया है। आईएचडी के आकलन के अनुसार अल्पकाल के लिए काम की तलाश में बार-बार आने-जाने वाले करीब 5 करोड़ प्रवासी सरकार की लाभुकों की शिनाख्त प्रक्रिया से बाहर हैं। इंस्टीट्यूट ने ये अनुमानित आंकड़े 2...

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