चुनाव अभियान पूरे देश में जोर-शोर से जारी है, लेकिन इसमें न किसान कहीं दिख रहा है और न किसान की चिंता। जहां भारत की लगभग 60 प्रतिशत आबादी कृषि और उससे जुड़े उद्योगों पर निर्भर है, वहां उस तबके की उपेक्षा हैरान करने वाली है। यह भी खबर आ रही है कि इस बार प्रमुख पार्टियों का ध्यान उन 250 सीटों पर ही है, जिनके बारे में माना जा...
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रुपये की मजबूती से कपास निर्यातक मुश्किल में
कम मार्जिन कपास के निर्यात सौदों में घट गया है मार्जिन ऐसे में निर्यात सौदे पहले की तुलना में घट गए हैं बढ़ेगी कीमत घरेलू बाजार में बढिय़ा क्वालिटी की कपास की कीमतों में तेजी आने की संभावना डॉलर के मुकाबले रुपये में आई मजबूती से कपास निर्यात सौदों में मार्जिन कम हो गया है। भारतीय मुद्रा मजबूत होकर अब 61.19 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर पहुंच गई है। हालांकि विदेशी बाजार में कपास की...
More »कृषि नीति और नीयत का संकट- अविनाश पांडेय समर
आंकड़ों की नजर से देखा जाये, तो भारतीय कृषि सहज बोध को धता बतानेवाली अजूबे सी दिखती है. कुछ इस तरह कि भारत की विकास दर के दहाई पार कर देश को अगली विश्व शक्ति बनाने के सपने दिखाने के ठीक बाद वैश्विक आर्थिक मंदी की चपेट में आते हुए ध्वस्त हो जाने पर कृषि क्षेत्र में सुधार ने ही संभाला था. और यह भी कि कुल आबादी के करीब 67...
More »सरकार देगी राशन कार्ड
कोलकता : राज्य की तृणमूल सरकार ने महानगर के फुटपाथ पर रहनेवालों को भी राशन वितरण प्रणाली में शामिल करने का फैसला किया है. इसके तहत राज्य के खाद्य व आपूर्ति विभाग और कोलकाता नगर निगम ने मिल कर विशेष सर्वे अभियान चला कर फुटपाथी लोगों के लिए राशन कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. अब तक राज्य सरकार की ओर से महानगर के विभिन्न क्षेत्रों में रहनेवाले 1602 फुटपाथी...
More »देश ने 1.92 अरब डॉलर का यूरिया किया आयात
80.4 लाख टन यूरिया का आयात हुआ था वित्त वर्ष 2012-13 के दौरान 67.9 लाख टन यूरिया का आयात हुआ है चालू वित्त वर्ष के पहले दस माह में भारत ने अपनी घरेलू मांग को पूरा करने के लिए चालू वित्त वर्ष के पहले दस माह (अप्रैल से जनवरी) में 67.9 लाख टन यूरिया, जिसकी कीमत 1.92 अरब डॉलर है, का आयात किया...
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