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जेंडर बजट 2011 में बिहार की नयी ऊंचाई

पटना। अवधारणा के स्तर पर हुए परिवर्तन ने बिहार में जेंडर बजट को नयी ऊंचाई दी है। दो वर्ष पूर्व 2008 में पहली बार बजट में स्त्री पक्ष की हिस्सेदारी सुनिश्चित हुई। सरकार ने इस तथ्य को पहचाना कि लोक व्यय में जब तक आधी आबादी के सबलीकरण के लिए ठोस प्रबंध नहीं होगा, आधी जनसंख्या की विकास में भागीदारी नहीं हो सकेगी। इसी पैटर्न पर योजनाओं को दो श्रेणी में बांटा गया और फिर...

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बंजर भूमि पर किसान उपजा रहे सोना

मगध (गया/औरंगाबाद/नवादा/जहानाबाद)। कृषि क्षेत्र में भी राज्य सरकार की पहल अब रंग लाने लगी है। मगध प्रमंडल के कृषकों को बेहतर उत्पादन के गुर सिखाए जा रहे हैं। बदलते परिवेश में विशेषकर मौसम के उतार-चढ़ाव को ध्यान में रखते हुए फसलों के उत्पादन एवं इकाई क्षेत्र की उत्पादकता बढ़ाने के लिए किस्मों का चुनाव, समय से बोआई, नराई-गुहाई, तृण-नियंत्रण, निर्धारित समय पर उचित मात्रा में जैविक एवं रासायनिक उर्वरकों का व्यवहार, सिंचाई की उचित व्यवस्था, कीट...

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उड़ीसा में शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे लोगों पर पुलिस हमला बंद करो

अपने हस्ताक्षरों के साथ हम लोग उड़ीसा राज्य पुलिस द्वारा जगतसिंहपुर जिले में प्रस्तावित पोस्को स्टील परियोजना के विरोध में धरना दे रहे किसानों और मछुआरों के खिलाफ बिना किसी उकसावे के की गई फायरिंग और आग लगाए जाने की कड़ी निंदा करते हैं. ताजा रिपोर्टों के अनुसार धरनास्थल बालीतुथा गांव में आज 100 से अधिक लोग घायल हो गए और अनेक दुकानें और घर पुलिसकर्मियों ने जला दिए. इस अभियान में पुलिस की करीब 40...

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एहू साल अंगना में नाव चली बबुआ

मुजफ्फरपुर [जाटी]। एहू साल अंगना में नाव चली बबुआ, खेत पथार डूबी, जानो बची कि ना, भगवाने मालिक बारन। यह दर्द है गंडक, बूढ़ी गंडक, बागमती, कमला, कोसी, भुतही और अधवारा समूह की नदियों के किनारे बसे उन सैकड़ों गांवों के हजारों ग्रामीणों का, जिनके बचाव के लिए कभी कुछ नहीं किया गया। इस बार भी वे खुद को लावारिस ही पा रहे हैं। वैशाख में ही जेठ की तपती गरमी के बावजूद लोग संभावित बाढ़...

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एक मटकी पानी, 65 फीट गहरा सफर

जोधपुर. दुनिया भले ही चांद पर पहुंच गई, लेकिन चांदेलाव की उमराव को आज भी एक मटकी पानी के लिए 65 फीट नीचे बेरी में उतरना पड़ता है। सरकार भले ही हजारों दावे करे लेकिन करीब 600 घरों वाले इस गांव की तो यही कहानी है। दिन में ये बेरी सूखी रहती है और शाम के बाद इसमें पानी रिसना शुरू होता है। लोग तड़के मुंह अंधेरे लालटेन की रोशनी में यहां उतरते हैं और...

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