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प्रज्ञा केंद्र से महीने में 90 हजार कमा रहे राकेश

वीएल राकेश कहते हैं कि जल्द ही उनके प्रखंड में इ-नागरिक, मनरेगा का एमआइएस इंट्री, बायोमीट्रिक राशन कार्ड, वोटर कार्ड, पेन कार्ड, पासपोर्ट, इ-मुलाकात आदि सेवा शुरू हो जायेगी.  प्रज्ञा केंद्र के उद्देश्यों में नागरिक, सरकार और वीएलक्ष् तीनों का लाभ निहित है.  पीपीपी मॉडल की इस योजना के जरिये सरकार कैसे गांवों में लोगों को ई-गवर्नेस सेवा प्रदान करने के साथ-साथ एक उद्यमी भी तैयार करने में लगी है. ...

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ओईसीडी ने कहा, 2014-18 के दौरान देश की सालाना विकास दर औसतन 5.9 फीसदी ही रहेगी ओईसीडी की रिपोर्ट भारतीय अ?

ओईसीडी ने कहा, 2014-18 के दौरान देश की सालाना विकास दर औसतन 5.9 फीसदी ही रहेगी ओईसीडी की रिपोर्ट भारतीय अर्थव्यवस्था चालू खाता घाटा समेत अनेक समस्याओं से त्रस्त वहीं, उभरते एशिया में आर्थिक विकास की रफ्तार आगे भी रहेगी दमदार घरेलू मांग मे लगातार बढ़ोतरी की बदौलत ही तेज विकास हो पाएगा संभव बेहतरी कहां एमर्जिंग एशिया की सालाना विकास दर इस दौरान औसतन 6.9' रहने...

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अखिलेश मनरेगा के क्रियान्वयन पर व्यक्तिगत ध्यान दें

लखनऊ: केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पत्र लिखकर प्रदेश में मनरेगा के क्रियान्वयन में कतिपय खामियों का उल्लेख करते हुए इस संबंध में उनसे व्यक्तिगत ध्यान देने की अपेक्षा की है. मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में रमेश ने उन्हें सूचित किया कि हाल ही में मनरेगा के तहत प्रदेश सरकार को जारी 431.5 करोड़ रुपये की धनराशि से लेकर अब तक कुल 2696 करोड़ रुपये...

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आरटीआइ में बनाएं मददगार

इ-सर्विस डिलेवरी की व्यवस्था आरटीआइ एक्ट, 2005 को लागू करने में बड़ी सहायक हो सकती है. यह ग्रास रूट गवर्नेस का मॉडल प्रयोग तो है ही, आरटीआइ एक्ट को लागू करने में भी मॉडल भूमिका निभा सकती है. इसमें सार्वजनिक भागीदारी जुड़ी है. इसलिए आरटीआइ को लागू करने में निजी लोगों को भागीदार बनाया जा सकता है. चूंकि इ-गवर्नेस प्रोजेक्ट त्रि-स्तरीय (पंचायत, प्रखंड और जिला) है. इसलिए आरटीआइ को ग्रास रूट...

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दुनिया ने ठुकराया, सुलभ ने अपनाया

कोलकाता: हर इंसान की यह इच्छा होती है कि उसके जीवन के आखिरी क्षण अपनों के साथ अपनी धरती पर बीते, पर पश्चिम बंगाल की ऐसी सैकड़ों महिलाएं हैं, जो अपनी आखिरी सांस वृंदावन में लेना चाहती हैं. समाज व धर्म की रुढ़ीवादी मान्यताओं की मारी सैकड़ों विधवाएं वर्षो से वृंदावन की खाक छान रही हैं. ऐसे में सुलभ होप फाउंडेशन ने इन्हें गले लगाया है. इस संस्था ने इन दुखियारी...

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