-बीबीसी, हिंसा की दो घटनाएँ, देश के दो हिस्सों में अलग-अलग वक़्त हुईं. पहली एक जनवरी 2018 को पुणे के पास भीमा कोरेगांव में, और दूसरी फ़रवरी 2020 में उत्तर पूर्वी दिल्ली में. भीमा कोरेगांव मामले का ताल्लुक़ दलित आंदोलन से है जबकि दिल्ली दंगों का सीएए विरोधी प्रदर्शनों से. ये दोनों घटनाएँ एक ही वजह से चर्चा मे रहीं. दोनों ही मामलों में मुकदमे दर्ज हुए, गिरफ़्तारियाँ हुईं, दोनों ही मामलों...
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लाठीचार्ज के बाद किसानों पर मामले दर्ज, मामला सुलझाने को भाजपा के तीन सांसद करेंगे किसानों से बात
-आउटलुक, कृषि क्षेत्र से जुड़े तीन अध्यादेश के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हरियाणा के किसानों पर लाठीचार्ज के बाद पुलिस द्वारा एफआइआर दर्ज किए जाने से सियासत तेज हो गई है। गुरुवार को कुरुक्षेत्र के पिपली में विरोध प्रदर्शन दौरान सड़क पर जाम लगाए जाने के मामले में पुलिस द्वारा 300 से अधिक किसानों पर केस दर्ज करने के बाद गिरफ्तारी की तैयारी है। इधर किसानांे के पक्ष में कांग्रेस...
More »किसान लामबंदी (1920 – 2020)
-लोकवाणी, “ एक वह हैं जो अपनी ही सूरत को लेते हैं बिगाड़, एक वह है जिसे तस्वीर बनानी आती है ” आज देश में जगह जगह किसान सरकार की नीतियों से नाराज होकर सड़कों पर रोषप्रकट कर रहें हैं. किसान की उपज की लूट चल रही है, किसान कर्ज में डूबते जा रहें हैं, जिस कारण किसान की ख़ुदकुशी के केस बढ़ते जा रहें हैं, सरकार किसान हितैषी होने का दम भरती...
More »वो सुधा भारद्वाज, जिनके बारे में सरकार नहीं चाहती कि आप ज्यादा जानें
-न्यूजलॉन्ड्री, दिसंबर 2019 में छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में एक दूषित जल शोधन संयंत्र में काम करने वाले राजकुमार साहू ने 1000 किलोमीटर की दूरी तय करके पुणे जेल में बंद 59 वर्षीय वकील सुधा भारद्वाज से मुलाकात की. पुलिस द्वारा कोर्ट लाए जाते समय कुछ पलों की भेंट के लिए इतनी लंबी यात्रा का क्या औचित्य है, इसे समझाते हुए 50 वर्षीय साहू ने बताया, "वे केवल हमारी यूनियन की...
More »पर्यावरण अधिसूचना का क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद करने से इसके मतलब बदल जाएंगे: केंद्र
-द वायर, दिल्ली हाईकोर्ट में दायर पुनर्विचार याचिका में केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने विवादित पर्यावरण प्रभाव आकलन (ईआईए) अधिसूचना-2020 के ड्राफ्ट को 22 भाषाओं में अनुवाद करने के अदालत के निर्देश का विरोध किया है. केंद्र सरकार की ओर से मंत्रालय ने दावा किया कि ऐसा करने के लिए किसी कानून की मंजूरी प्राप्त नहीं है और इसके चलते आगामी विधि निर्माण में भी मुश्किलें खड़ी हो जाएंगी. केंद्र की ओर से कहा...
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