प्रभात खबर, भारत गंभीर आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहा है. रुपये में कमजोरी लगातार बनी हुई है. इसकी बड़ी वजह यह है कि व्यापार घाटा काबू में नहीं आ रहा है. शुक्र है कि कच्चे तेल की कीमतों में बड़ी गिरावट आ चुकी है, अन्यथा भारत के लिए वित्तीय संकट और गहरा हो जाता. भारत दुनिया के सबसे बड़े तेल आयातकों में शामिल है. वह अपनी जरूरत का 85 फीसदी...
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विकास की मशीनरी में कई पुर्जे ढीले - नंटू बनर्जी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बात को भलीभांति समझते हैं कि अगर भारत को आठ से नौ फीसद की उच्च आर्थिक विकास दर अर्जित करना है तो यह केवल निर्माण क्षेत्र में सुधार के जरिए ही किया जा सकता है। आखिर गरीबी और युवाओं में बेरोजगारी की समस्याओं का निदान किए बिना कोई भी देश आगे नहीं बढ़ सकता। वर्ष 2012 के बाद से भारत की विशेष तौर पर जैसी धीमी...
More »तेल देखो, तेल की मार देखो - मधुरेन्द्र सिन्हा
भारत सहित उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं में इस समय खुशी की एक लहर दौड़ रही है। वजह है, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की गिरती हुई कीमतें। पिछले पांच महीनों से तेल के दाम लगातार घट रहे हैं और अब तो यह पांच साल के न्यूनतम स्तर पर जा पहुंचा है। लेकिन बात यहीं खत्म होती नहीं दिखाई दे रही। ऐसा लग रहा है कि कच्चे तेल की कीमतें 60 डॉलर...
More »देश की सभी नदियों पर जलमार्ग बनेगा: गडकरी
केंद्र सरकार सड़कों से होने वाली से माल ढुलाई और यात्री परिवहन को देश की नदियों की ओर मोड़ना चाहती है। इसके तहत सरकार छोटी-बड़ी तमाम नदियों पर जलमार्ग बनाने की विस्तृत योजना बना रही है। एयरपोर्ट की तर्ज पर नदियों में वाटर पोर्ट बनाए जाएंगे। जिससे देशभर में सी-प्लेन सेवा को शुरू हो सके। इस योजना से पर्यटन क्षेत्र में अगले पांच साल में 15 लाख नए रोजगार के...
More »सबसे तेज विकास करने वाला एशियाई देश होगा भारत
सिंगापुर। एशिया के तमाम देशों में भारत सबसे अधिक तेजी से आर्थिक वृद्घि दर्ज करने वाला देश होगा। मॉर्गन स्टैनली के मुताबिक 2015 के दौरान यहां सकल घेरलू उत्पादन (जीडीपी) में 6.3 प्रतिशत बढ़ोतरी की उम्मीद है। 12-14 नवंबर के दौरान मॉर्गन स्टैनली के सालाना एशिया-प्रशांत शिखर सम्मेलन में हुई प्रस्तुति में कहा गया कि अगले साल के अंत तक डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपए की विनिमय दर 62.2 रहेगी। इस...
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