इंदौर। मध्यप्रदेश के 27 जिलों में स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने में सरकार फेल हो गई है। सरकारी सिस्टम ने हाथ टेक दिए हैं। अब पूरा जिम्मा एक एनजीओ को थमा दिया है। इन 27 जिलों में संभाग के झाबुआ, बड़वानी और आलीराजपुर भी शामिल हैं। यही नहीं यहां काम करने वाले डॉक्टरों को सरकारी डॉक्टरों के मुकाबले लगभग दोगुनी तनख्वाह भी मिलेगी। हाल ही में प्रदेश सरकार और एनजीओ के बीच...
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समस्याओं के शिखर, खाली होते पहाड़- अनिल प्रकाश जोशी
उत्तराखंड को अलग राज्य बनाने के पीछे सोच यह थी कि यहां की भौगोलिक परिस्थितियां और दुर्गमता विकास के अलग रास्ते की मांग करते हैं। स्थानीय लोगों को यकीन था कि उनके हालात को समझने की क्षमता मैदानी नीतिकारों में नहीं है। केंद्र को झुकना पड़ा और राज्य की मांग पूरी हुई। लेकिन अब पलटकर देखें, तो इन 15 वर्षों में उत्तराखंड को आठ मुख्यमंत्रियों के अलावा शायद ही कोई...
More »दुनिया में देश की साख पर बट्टा क्यों? - मेघनाद देसाई
एक ऐसे समय में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'सबका साथ, सबका विकास" की भावना के साथ देश-विदेश में भारत की छवि को चमकाने और देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने तथा उसमें सुधार की पुरजोर कोशिश में लगे हुए हैं, तब दूसरी ओर देश में राष्ट्रीय मीडिया के एक बड़े हिस्से और खासकर टीवी चैनलों और कुछ अखबारों में नकारात्मक खबरों को न केवल अत्यधिक महत्व दिया जा रहा...
More »समझा दर्द, मर्ज के उपचार को पहुंचे घर
नैनोहेल्थ की 'डॉक-इन-ए-बैग' तकनीक वैसे तो रिवाज है कि मरीज उपचार के लिए डॉक्टर के पास या अस्पताल पहुंचे, लेकिन हैदराबाद स्थित इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस के कुछ छात्रों ने 'नैनोहेल्थ' के नाम से एक ऐसे सोशल एंटरप्राइज की स्थापना की है, जिसके तहत 'डॉक-इन-ए-बैग' किट के साथ स्वास्थ्य कार्यकर्ता डॉक्टरी परामर्श व दवाइयों के साथ घर-घर इलाज मुहैया करा रहे हैं. तो आइए जानें, यह...
More »किराये की कोख और नागरिकता का प्रश्न--ऋतु सारस्वत
केंद्र सरकार ने कहा है कि वह विदेशियों के लिए किराये पर कोख (सरोगेसी) के कारोबार पर रोक लगाने के पक्ष में है। केंद्र ने उच्चतम न्यायालय में हलफनामा दाखिल कर कहा कि वह देश में 'कमर्शियल सरोगेसी' के चलन को अवैध घोषित करने की तैयारी कर रहा है। हाल में विदेश व्यापार निदेशालय ने 2013 का अपना वह नोटिफिकेशन वापस ले लिया था, जिसमें सरोगेसी के लिए भू्रण के...
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