‘लूट’ शब्द जो है, ठेठ हिंदी का है। उर्दू में भी उसकी अपनी जगह है। यानी उसका घर हिंदुस्तानी में है, बोलचाल की मिली-जुली जुबान में। और अफसोस, अब उसका घर हमारी हर जुबान में है, हर दिमाग में, हमारी निराशा में, हमारे गुस्से में, हमारे आक्रोश में। आजकल हम लूट, लुट जाने और लुटेरों के बारे में इतना पढ़ते, देखते और सुनते हैं कि लगता है ‘लूट’ शब्द हमारे लिए और हमारे...
More »SEARCH RESULT
पीड़ा के जंगल में आदिवासी- अनिल चमड़िया
जनसत्ता 24 दिसंबर, 2011 : आजादी के बाद आदिवासी ने क्या हासिल किया, इस विषय पर राजस्थान के बूंदी में दो दिन की चर्चा थी। इस अवसर पर किसी वक्ता ने यह नहीं कहा कि अंग्रेजों के जाने के बाद आदिवासियों की जीवन-दशा में किसी किस्म का बुनियादी बदलाव आया है। फिर आदिवासियों की उम्मीद और इस व्यवस्था के प्रति भरोसे को लेकर एक प्रस्ताव पारित किया गया। प्रस्ताव में...
More »सुधार पर हावी सियासत : केविन रैफर्टी
मेरे पुराने मित्र मनमोहन सिंह इस वक्त आखिर क्या सोच रहे होंगे? क्या अब समय आ गया है कि वे भारत के प्रधानमंत्री पद के दायित्व से मुक्त हो जाएं और 40 वर्षो की शीर्षस्तरीय लोकसेवा के बाद रिटायरमेंट ले लें? या क्या उन्हें और सोनिया गांधी के कांग्रेस-नीत गठबंधन को इस उम्मीद में मध्यावधि चुनाव करा लेना चाहिए कि शायद युवा राजनेता सामने आएं और अपने ताजगीभरे विचारों के साथ भारत...
More »‘पहुंच’ की अर्थव्यवस्था- सुनील खिलनानी
कॉरपोरेट लॉबिस्ट नीरा राडिया के टेप और विकिलीक्स के खुलासे पिछले एक दशक में मजबूती से सामने आए दो बुनियादी और परस्पर संबंधित राजनीतिक नजरिये की पुष्टि करते हैं। इनमें एक वैश्विक है और दूसरा स्थानीय। इनमें से पहला सत्ता की प्रकृति के बारे में है। आधुनिक विश्व में अमेरिकी सैन्य शक्ति और उसकी व्यापारिक ताकत के अतिरिक्त सत्ता सूचनाओं पर ज्यादा टिकी है, जो हथियार या खजाने पर नियंत्रण रखती...
More »सबसे बड़ी चाय दुकान की ताकत- एम जे अकबर
अगर इंटरनेट की सेंसरशिप तकनीकी पहलू से अधिक कुछ नहीं है, तोयह पहले ही हो गया होता. एक लोकतांत्रिक सरकार को गद्दाफ़ी या चीनी कम्युनिस्टपार्टी की तरह मनमानी करने का अधिकार नहीं होता है. ऐसे में इसके लिए अव्यावहारिक तर्को का प्रयोग करना पड़ता है. लेकिन भारत सरकार को यह जल्द ही पता लग जायेगा कि इंटरनेट की आवाज कोआसानी से नहीं दबायाजा सकता है. प्रवक्ता अपनी नहीं आकाओं की भाषा बोलते...
More »