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मीट विक्रेताओं की हड़ताल जारी, कहा- हर रोज हो रहा है 1400 करोड़ का नुकसान

गोरक्षपीठ के महंत आदित्यनाथ योगी के मुख्यमंत्री बनने के बाद से अवैध बूचड़खानें बंद कराए जाने से प्रदेश में अवैध के साथ वैध मांस का कारोबार भी प्रभावित होने लगा है। इस करोबार के बंद होने से करीब 1400 करोड़ रुपये का हर दिन का व्यवसाय चौपट हो गया है। इस मामले को लेकर ऑल इंडिया जामियातुल कुरैशी एसोसिएशन का एक प्रतिनिधिमंडल प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह से मुलाकात...

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अवैध बूचड़खाने पर लगाए बैन का असर, चाय बेच रहे हैं मीट व्यापार

मुजफ्फरनजर। उत्तर प्रदेश में अवैध बूचड़खानों पर बैन लगने का असर मीट व्यवसायियों पर साफ दिख रहा है। मीट व्यवसायियों के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने से कई मीट दुकान के मालिकान अब चाय बेचने को मजबूर हैं। मुजफ्फरनगर निवासी नजाकत ने बताया कि मेरी मीट शॉप को जबरदस्ती बंद करवा दिया गया, जबकि मेरे पास वैध लाइसेंस था। अब मुझे चाय बेचने को मजबूर होना पड़ा। वहीं, एक अन्य मीट व्यापारी...

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मांसबंदी:यूपी में आधे से ज्यादा वैध बूचड़खानों पर भी तालाबंदी..

इन दिनों उत्तर प्रदेश सरकार फुल एक्शन में है। प्रशासन बीते पांच दिनों से लगातार अवैध बूचड़खानों को बंद करा रहा है। इसी कड़ी में प्रदेश के आधे से ज्यादा वैध बूचड़खानों को भी अस्थायी रूप से बंद किया गया है। हालांकि, इन्हें बंद करने के पीछे इन बूचड़खानों का दिशा निर्देशों का पालन न करना बताया गया है। यूपी में 44 लाइसेंस बूचड़खानों में 26 को बंद किया गया...

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क्या असर होगा यूपी के खेतिहरों पर मांसबंदी का ?

अगर आपके मन में यह सवाल कौंध रहा है कि 'मांसबंदी' के नये फरमान के एकबारगी अमल में आने से यूपी के पशुपालकों पर क्या असर पड़ेगा तो नीचे लिखे तथ्यों को पढ़िए ! पशुगणना के नये आंकड़ों के मुताबिक देश में भैंस प्रजाति के पशुओं की संख्या 10 करोड़ 80 लाख है. इसका एक चौथाई से ज्यादा (28.7प्रतिशत) केवल यूपी में है. यूपी में भैंसों की संख्या राजस्थान से ढाई गुनी, आंध्रप्रदेश और गुजरात से तीन...

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शिक्षा से सामाजिक सद्भाव-- जगमोहन सिंह राजपूत

यह हर राष्ट्र का पहला कर्तव्य है कि वह अपना भविष्य संवारने के लिए वर्तमान का लगातार वस्तुनिष्ठ विश्लेषण और तदनुरूप तैयारी करता रहे। लोकतंत्र में सर्वमान्य नीतियों का निर्माण बहुधा कठिन हो जाता है। फिर भी जब राष्ट्र की सुरक्षा खतरे में होती है तो सब मतभेद भुला दिए जाते हैं, उसी प्रकार भविष्य की पीढ़ी को सुचारु रूप से तैयार करने में भी राष्ट्रीय योजनाएं सभी की सहमति...

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