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अन्न की बर्बादी पर घिरी सरकार

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली भंडारण के अभाव में खाद्यान्न की बंपर बर्बादी पर राज्यसभा में समूचे विपक्ष ने सरकार को घेरते हुए अन्न बचाने का आश्वासन देने को कहा। पंजाब और उत्तर प्रदेश के सांसदों ने सदन में दैनिक जागरण लहरा कर गेहूं उत्पादक राज्यों में खाद्यान्न की बर्बादी का हाल बयां किया। खाद्य मंत्री केवी थामस ने खाद्यान्न उत्पादन और भंडारण क्षमता में अंतर को स्वीकार करते हुए राज्य सरकारों से...

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पालमपुर में 850 कनाल खरीदी, अटल स्वास्थ्य योजना में घपला

बड़सर.पालमपुर में 850 कनाल जमीन प्रदेश के एक मंत्री ने एक फर्म के नाम से खरीदी है। अब भाजपा यह बताए कि यह फर्म कहां की है? किसने इस भूमि के लिए राशि दी है? यही नहीं आरटीआई के तहत सूचना ली गई है जिसमें जो 100 गाड़ियां खरीदी गई हैं. उनकी प्रदेश में वास्तविक कीमत 6 लाख है लेकिन ये गाड़ियां 12 लाख में मध्य प्रदेश से खरीदी गईं। अटल स्वास्थ्य योजना के...

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हिंसक प्रतिरोध कितना उचित- हर्षमंदर

बहुतेरी संस्कृतियों में अन्याय के प्रतिरोध को सर्वोच्च मानवीय दायित्व का दर्जा दिया गया है। इसी क्रम में एक बहस सदियों से जारी है और आज भी प्रासंगिक बनी हुई है। यह है अत्याचार और अन्याय के प्रतिरोध में हिंसा की वैधता। सवाल यह है कि अगर राज्यसत्ता के कुछ सशक्त प्रतिनिधि अगर अन्यायपूर्ण हो गए हों तो क्या उनके प्रतिरोध के लिए हिंसा उचित है? दूसरे शब्दों में क्या न्याय के...

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वृद्धावस्था पेंशन के पक्ष में कुछ और तथ्य..

ठीक उसी वक्त जब मीडिया के हमारे मित्रगण कुछ और प्रमाणों की खोज में जुटे थे, आईएलओ(अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन) की एक नई रिपोर्ट में वृद्धावस्था-पेंशन और देश की बेहतरी के बीच विभिन्न तथ्यों के आलोक में संबंध स्थापित किया गया है। आईएलओ की रिपोर्ट “ वर्ल्ड सोशन सिक्यूरिटी रिपोर्ट 2010/11: प्रोवाइडिंग कवरेज इन टाइम्स ऑव क्राइसिस एंड बियान्ड ” में भारत की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का तन्कीदी जायजा लिया गया है। (रिपोर्ट निम्नलिखित लिंक पर...

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गरीबी, खाद्य सुरक्षा और कैश ट्रांसफर- रितिका खेड़ा

कुछ महीने पहले योजना आयोग की गरीबी रेखा पर काफी चर्चा हुई हैं. उच्चतम न्यायलय में दायर हलफनामे में योजना आयोग ने कहा कि 2011 की सरकार की गरीबी रेखा- ग्रामीण क्षेत्रों में 26 रुपए और शहरी क्षेत्रों में 32 रुपए- जीवनयापन यानी खाना, शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त है. आज से पहले किसी भी सरकार ने यह दावा नहीं किया कि गरीबी रेखा जीवन बिताने के लिए पर्याप्त...

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