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तिर्यक आसन: योगास्कर गोज़ टु मिस्टर प्राइम मिनिस्टर!

-जनपथ, स्मार्ट सिटी के शोर के बीच स्मार्ट विलेज बनाने की भी पैरवी हो रही है। गाँवों को इस स्मार्ट शब्द की जद से बख्श देना चाहिए। भाषायी कौशल के मामले में गाँव, शहरों से अधिक स्मार्ट हो चुके हैं। शहर अभी हिंग्लिश बोल रहा है। वहीं गाँव भोजपुरी, हिंदी और अंग्रेजी को मिलाकर नई भाषा ईजाद कर चुका है। गाँव से शहर के स्मार्ट कान्वेंट स्कूल में पढ़ने जाने वाला बच्चा...

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बिहार के गांवों में कोरोना का कहर: क्या बंद स्वास्थ्य केंद्रों को खोलने से सुधरेंगे हालात?

-डाउन टू अर्थ, कुछ माह पहले बिहार में 1451 ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्र बंद कर दिये गये थे, अब उन्हें खोला जा रहा है। मंगलवार, 18 मई को खुद राज्य के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने यह घोषणा की है। उन्होंने कहा कि जब राज्य में कोरोना के मामले बढ़ने लगे तो इन 1451 अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को बंद कर इनके चिकित्सकों और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को डेडिकेटेड कोविड हेल्थ...

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मंडी, मार्केट और मोदी

-कारवां, अगर हम नरेन्द्र मोदी सरकार और नवउदारवादी टिप्पणीकारों पर यकीन करें तो सरकार के विरोध में प्रदर्शन करने वाले एक लाख से अधिक किसान, जिनमें से अधिकांश ने अपने खेतों पर काम करके, फसल पैदा कर और स्थानीय मंडियों में उसे बेचकर जिंदगी गुजारी है, खेती किसानी के बारे में कुछ नहीं जानते और उन्हें शरारती तत्वों द्वारा गुमराह किया जा रहा है. वे यह नहीं महसूस कर रहे हैं...

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'पक्ष'कारिता: आज मर रहे पत्रकारों को बचाइए, उम्‍मीद बची तो कल पत्रकारिता भी बच जाएगी

-न्यूजलॉन्ड्री, कोविड-19 के कसते शिकंजे के आलोक में हिंदी के ज्‍यादातर अखबारों के अचानक बदले चरित्र और जनपक्षधर रिपोर्टिंग पर पिछले अंक में एक सरसरी तौर पर इशारा था, हालांकि वह स्‍तम्‍भ बंगाल चुनाव पर केंद्रित था. अखबारों का आलोचनात्‍मक रुझान अब भी कायम है, बल्कि और तीखा हुआ है. अच्‍छी बात यह है कि छोटे-छोटे शहरों के अखबारी संस्‍करणों और छोटे प्रकाशनों (मुद्रित और ऑनलाइन) में जनता के दुख-दर्द की...

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बिहार के चौसा गांव के लोगों का दावा, नदी में तैरती लाशें गांव वालों की

-कारवां, 10 मई को बिहार के बक्सर जिले के चौसा गांव में गंगा नदी के घाट पर दर्जनों शव पानी में तैरते मिले. घाट से लगभग 500 मीटर के दायरे में मिले ये शव संभवत: कोविड-19 रोगियों के थे. सुबह जब गांव के लोगों ने शव देखे तो स्थानीय अधिकारियों को सूचना दी. बक्सर के उप-विभागीय अधिकारी के. के. उपाध्याय ने मुझे बताया कि शव क्षत-विक्षत हालत में थे और सड़ रहे...

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