जनसत्ता 9 मई, 2014 : सोलहवीं लोकसभा के चुनाव अपने आखिरी चरण में हैं, लेकिन अभी तक किसी पार्टी ने सामाजिक विकास को लेकर कोई ठोस बहस या तथ्य पर आधारित चर्चा करने की जरूरत नहीं समझी है। किसी भी पार्टी का घोषणापत्र उठा लें, एक बात पर सभी अपना दावा करते नजर आएंगे- आर्थिक और समेकित विकास। इन भारी-भरकम शब्दों के इस्तेमाल में आपको कोई कटौती नहीं मिलेगी, चाहे...
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मगनपुर की महिलाएं सूत कात कर हुईं आत्मनिर्भर- सुरेन्द्र / सुरेश
आज ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं पुरुषों से किसी भी तरह कम नहीं हैं. वे गांव में भी विभिन्न क्षेत्रों में अपनी सशक्त पहचान बना रही हैं. गांधी जी के सपनों के अनुरूप वे बुनकरी का काम कर रही हैं. ग्रामीण महिलाओं में हुनर की किसी तरह की कमी नहीं है. अपने इस हुनर के बदौलत सूत कात कर महिलाएं अपने परिवार का भरण-पोषण कर रही हैं. जिससे वे अपने परिवार का...
More »आखिर क्यों स्कूली शिक्षा नहीं बनती मुद्दा- चंद्रभान प्रसाद
पिछले वर्ष सर्दियों में मैंने पूर्वी उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के एक दलित गांव का दौरा किया। यह गांव सागरी तहसील के मालतरी से थोड़ी ही दूर पर बसा है। यहां की एक महिला की दास्तान सुनकर हम दंग रह गए। दरअसल वह अपनी बेटी का दाखिला पास के एक हाई स्कूल में छठी कक्षा में कराना चाहती थी, पर स्कूल प्रबंधन ने इन्कार कर दिया। वजह, लड़की अपना नाम...
More »गांवों के विकास पर अरबों का सालाना खर्च- आर के नीरद
मित्रों, केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार, ग्रामीण विकास पर सब का जोर है. गांवों के विकास से ही देश का विकास संभव है, यह सभी जानते हैं. देश की 70 प्रतिशत आबादी गांवों में रहती है, यह सच भी सब को पता है. जाहिर है कि विकास के सवाल पर जब भी बात होगी, गांव उसका सबसे बड़ा विषय होगा. आजादी से अब तक गांवों के विकास के लिए सरकार ने अनेक...
More »एकल महिलाओं को बचत, ऋण, व्यवसाय का गुर सिखाता है दीदी बैंक- राधेश सिंह राज
सरकार की सारी योजनाओं के लाभ को दरकिनार करते हुए खुद को साबित करने के उद्देश्य से नवचिराग महिला समिति के कार्य एकल महिलाओं के समक्ष मॉडल साबित हो रहा है. आज की तिथि में न सिर्फ पूरे झारखंड राज्य बल्कि देश की एकल महिलाओं के समक्ष उदाहरण बन कर पेश हो रही है. नवसृजित आनंदपुर प्रखंड के पृथक होने से पूर्व आनंदपुर प्रखंड की महिलाओं ने नव चिराग महिला समिति...
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