शिव सोनी, बिलासपुर(छत्तीसगढ़)। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के नागपुर रेल मंडल में पदस्थ कांस्टेबल राम शिंदे मूलत: महाराष्ट्र लातूर जिले के अंबुलगा गांव का रहने वाला है। जिले में भीषण सूखा पड़ने के कारण यहां के लोग बूंद-बूंद के लिए तरस रहे हैं। छुट्टी में जब जवान गांव गया तो यहां की स्थिति देखकर उसका दिल पसीज गया। उसने न केवल अपनी शादी टाल दी बल्कि इसके लिए जोड़कर रखी...
More »SEARCH RESULT
दिल्ली नहीं रहा दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर, ग्वालियर दूसरे नंबर पर
प्रदूषण स्तर को लेकर देश और दुनिया में फजीहत झेल रहा हिंदुस्तान का दिल दिल्ली अब सबसे प्रदूषित शहर नहीं रहा है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (डब्लूएचओ) की नई रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है. रिपोर्ट में दिल्ली को दुनिया के सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों की सूची में ग्यारहवें नंबर पर रखा गया है. हालांकि इस सूची में भारत के कई शहर टॉप टेन लिस्ट में शामिल किए गए...
More »80 करोड़ की लागत से हाईटेक होंगे छत्तीसगढ़ के सारे जलाशय
विशेष संवाददाता। नईदिल्ली। छत्तीसगढ़ के सारे जलाशय अब हाईटेक होंगे। नेशनल हाईड्रोलाजी प्रोजेक्ट के तहत केंद्र ने प्रदेश के सारे जलाशयों को हाईटेक तकनीक से लैस करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इसके तहत करीब 80 करोड़ रुपए खर्च होंगे। यह पूरी राशि केंद्र ही देगा। इसके बाद जलाशयों से जुड़ी प्रत्येक गतिविधियों को अपने आप ही कम्प्यूटर पर दर्ज हो जाएगा। जरूरत होने पर सिस्टम अलर्ट भी जारी...
More »छत्तीसगढ़ के अधिकतर बांधों में बचा है चौथाई पानी
रायपुर(ब्यूरो)। छत्तीसगढ़ के कई बांध सूख चुके हैं या कुछ सूखने के कगार पर पहुंच गए हैं। प्रदेश के सभी छोटे-बड़े बांधों में फिलहाल केवल 27 फीसदी पानी रह गया है। वहीं, विभिन्न जलाशयों से नहरों के जरिए गांवों में तालाबों को निस्तारी के लिए भरने पानी छोड़ा जा रहा है, जिसकी वजह से बांधों का जल स्तर तेजी से घट रहा है। यही हालात रहे तो आने वाले दिनों...
More »किसानों के अनुभव : समाज को निबटना होगा सूखे से, सरकार के भरोसे नहीं
लगातार दो कमजोर मॉनसून और लापरवाह जल-प्रबंधन के कारण देश में सूखे का संकट उत्तरोत्तर गंभीर होता जा रहा है. देश की करीब आधी आबादी सूखा और जल-संकट की चपेट में है. कई इलाकों में तो दो साल से अधिक समय से यह स्थिति व्याप्त है. अत्यंत गंभीर रूप से प्रभावित क्षेत्रों से बड़ी संख्या में ग्रामीण पलायन को मजबूर हैं. सरकारी तंत्र इस विपदा से निबटने में न सिर्फ...
More »