मैं पिछले 28 सालों से दिल्ली में रह रहा हूं और प्रदूषण का स्तर यहां हमेशा बेहद ज्यादा रहा है। 80 के दशक के अंत में जब मैं अपनी टू-व्हीलर से इस शहर के चक्कर लगाता था, तब भी यहां प्रदूषण का यह आलम था कि दिन खत्म होते-होते मेरे चेहरे पर कालिख की हल्की-सी परत जम जाया करती थी। तब भी हम यही पाते थे कि सरकारें इस समस्या...
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संतुलन खोते लोकतंत्र के स्तंभ-- वेद प्रताप वैदिक
हमारी लोकतांत्रिक शासन-व्यवस्था के चार स्तंभ हैं। विधानपालिका यानी संसद, कार्यपालिका यानी सरकार, न्यायपालिका यानी अदालत और खबरपालिका यानी अखबार और टीवी-रेडियो चैनल! क्या ये चारों स्तंभ अपना-अपना काम सही-सही कर रहे हैं? ये सब काम तो कर रहे हैं, लेकिन ऐसा लगता है कि उनके काम-काज में कोई बुनियादी कमी आ गई है कि या तो एक स्तंभ का काम दूसरे से लिया जा रहा है या कोई स्तंभ...
More »देश की हर गृहिणी को मिलेगी रसोई गैसः प्रधान
दुनिया में पर्यावरण व प्रदूषण पर जारी बहस के बीच पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने देश की करोड़ों गृहिणियों को लकड़ी और उपले से खाना बनाने से छुटकारा दिलाने का वादा किया है। 'नईदुनिया' के सहयोगी अखबार 'दैनिक जागरण' के विशेष संवाददाता जयप्रकाश रंजन के साथ खास बातचीत में प्रधान ने केंद्र सरकार की एलपीजी क्रांति के बारे में विस्तार से बताया। सीधे जनता के हाथ में नकद...
More »तेज इकोनॉमिक ग्रोथ का फॉर्मूला- भरत झुनझुनवाला
बाजार में मंदी का वातावरण है. महाराष्ट्र के औरंगाबाद शहर के सीमेंट विक्रेता ने बताया कि उसकी बिक्री 40 प्रतिशत कम हुई है. सूरत के टैक्सी वाले के ग्राहकों में कमी आयी है. अब उसकी टैक्सी माह में 6-7 दिन ही चलती है. बाकी खड़ी रहती है, चूंकि बाहर के व्यापारी कम ही आ रहे है. बाजार में मांग के दो स्रोत हैं- घरेलू एवं विदेशी. लेकिन इस समय दोनों...
More »जलवायु संकट के सबक-- अरुण तिवारी
पिछले ग्यारह हजार तीन सौ सालों की तुलना में आज पृथ्वी सबसे गर्म है। उत्तरी ध्रुव के आर्कटिक सागर में इस बार 1970 के बाद सबसे कम बर्फ जमी है। उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव से बाहर दुनिया का सबसे बड़ा बर्फ भंडार, तिब्बत में ही है। इसी नाते तिब्बत को ‘दुनिया की छत' कहा जाता है। इस नाते आप तिब्बत को दुनिया का तीसरा ध्रुव भी कह सकते हैं। यह...
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