SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 4110

हाथरस की निर्भया की कहानी, 14 सितंबर को दरिंदगी के 15 दिन बाद तोड़ा दम

-इंडिया टूडे, हाथरस में चार लोगों की दरिंदगी का शिकार बनी एक और निर्भया ने दम तोड़ दिया. बताया गया कि हैवानियत को इस कदर अंजाम दिया गया था कि उसकी जीभ काट दी गई और कमर की हड्डी तक टूटी हुई थी. हालांकि पुलिस ने इससे इनकार किया है. इस निर्भया के गांव के ही चार दबंगों ने मिलकर लड़की के साथ हवस का घिनौना खेल खेला. लड़की की मौत...

More »

“हालिया कृषि कानून देश के किसानों के साथ गद्दारी हैं,” किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी

-कारवां, हरियाणा और पंजाब के किसान संसद में पारित हुए तीन कृषि कानूनों (कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) कानून, 2020, कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार कानून, 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून, 2020) के खिलाफ आंदोलित हैं. हरियाणा में इन दिनों चल रहे किसान आंदोलन की अगुवाई भारतीय किसान यूनियन (चढूनी)के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी कर रहे हैं जो पिछले 30 सालों से हरियाणा में किसान आंदोलन...

More »

कृषि विधेयकों के खिलाफ आखिरकार विपक्ष एकजुट हुआ है, लेकिन इतना ही काफी नहीं है

-द प्रिंट, नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा पर्याप्त विचार किए बिना पारित कृषि विधेयकों के विरोध में 18 विपक्षी दलों और 31 किसान संगठनों ने अपनी एकजुटता प्रदर्शित की है. विधेयकों में साफ ज़ाहिर कमियों के कारण वे चाहते थे कि राज्यसभा में पारित किए जाने से पहले उन्हें समीक्षा के लिए सदन की स्थाई समिति में भेजा जाए. लेकिन विपक्ष की मांग को सिरे से खारिज कर दिया गया. कई विशेषज्ञों...

More »

कृषि विधेयक के खिलाफ प्रदर्शन, इंडिया गेट पर एक ट्रैक्टर में लगाई आग

-आउटलुक, कृषि विधेयकों के विरोध में सोमवार की सुबह कुछ लोगों ने इंडिया गेट के सामने एक ट्रैक्टर को आग के हवाले कर दिया। आग को बुझा कर ट्रैक्टर को वहां से हटा दिया गया है। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है। जानकारी के अनुसार सुबह 7.15 से 7.30 के बीच करीब 15 से 20 संख्या में कुछ लोग किसान बिल के विरोध में इंडिया गेट के पास एकत्रित हुए। वो...

More »

विशेष: जब भगत सिंह ने किया किसानों को संगठित करने का प्रयास

-न्यूजक्लिक, भगत सिंह के बारे में आमतौर पर यह कहा जाता है कि वे थे तो समाजवादी विचारों के लेकिन उन्होंने कभी किसानों-मजदूरों को संगठित करने का प्रयास नहीं किया। प्रोफेसर बिपन चन्द्र और एस. इरफ़ान हबीब ने इसे भगत सिंह और साथियों की एक बड़ी कमी बताया है। लेकिन जब मैं अपनी पीएचडी थीसिस लिखने के लिए शोध कर रहा था तो कुछ ऐसे चौंकाने वाले तथ्य सामने आये जिनका...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close