अतुल शुक्ला, जबलपुर। रिसर्च के लिए साउथ एशिया, मैक्सिको, कॉरनेट यूनिवर्सिटी, चायना और वियतनाम जैसे देशों से गेहूं और मक्के के हाइब्रिड बीज मांग गए थे। टेस्टिंग के लिए इन्हें खेतों में बो कर कृषि वैज्ञानिक बेहतर परिणाम निकालते कि इससे पहले ही गांव के पालतू जानवर इस फसल को चट कर गए। यह हाल बिसा इंस्टीट्यूट की रिसर्च का है। वैज्ञानिकों के मुताबिक पिछले दो साल में जानवरों से...
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अंटार्कटिका की पिघलती बर्फ के हैं अहम संदेश- डा एन के सिंह
दुनिया की सरकारों द्वारा पिघलते बर्फ की दास्तान जो भले ही मानवता के ‘सरवाइवल’ से जुड़ी है, नकार दी गयी है. शायद इसीलिए विश्व पर्यावरण दिवस (5 जून 2014) का जो थीम है, वह आम नागरिकों को आगाह करने पर केंद्रित है. ‘रेज योर वॉइस, नॉट द सी-लेवल’ यानी हम आवाज उठायें, हम अपना आचरण बदलें, ताकि ग्लोबल वार्मिग कम हो और समुद्र का जलस्तर का बढ़ना बंद हो. मई 2014...
More »आवास के लिए बनेगा भूमि बैंक
पटना: राज्य सरकार ने निम्न व मध्यम आय वर्ग के लोगों को आवास उपलब्ध कराने के लिए अब बाजार दर पर जमीन खरीदने का फैसला किया है. इसके लिए भूमि बैंक की स्थापना की जायेगी और यह बैंक जरूरत के हिसाब से आवासीय भूखंडों के लिए सरकार को जमीन उपलब्ध करायेगा. राज्य मंत्रिमंडल ने मंगलवार को नगर विकास एवं आवास विभाग के इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी. मंत्रिमंडल की बैठक...
More »ड्रग ट्रायल करने वाले डॉक्टरों को सिर्फ चेतावनी का 'डोज '
भोपाल मेमोरियल हास्पिटल एवं रिसर्च सेंटर (बीएमएचआरसी) में भर्ती मरीजों की जिंदगी से खेलने वाली दवा कंपनी व डॉक्टरों को क्लीन चिट मिल गई है। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने बहुचर्चित ड्रग ट्रायल मामले में कंपनी व चिकित्सकों को महज चेतावनी देकर छोड़ दिया है। वहीं अस्पताल प्रबंधन को पूरी तरह से क्लीन चिट दे दी गई है। वर्ष 2004 से 2009 के बीच हुए 3 दवाओं के...
More »जहर की खेती कब तक
मानव स्वास्थ्य : कीटनाशकों के अधिक प्रयोग से खाने-पीने के सामान हुए जहरीले यूरोप में भारतीय आम पर प्रतिबन्ध ने नीति निर्घारकों को सोचने का एक और मौका दिया है। रासायनिक खाद एवं कीटनाशकों के दुष्प्रभावों के खिलाफ पत्रिका लम्बे समय से मुहिम चलाता रहा है। अनेक शोध और अध्ययन बताते रहे हैं कि खाने-पीने की चीजों में जहर फैलता जा रहा है। सरकार से लेकर आम उपभोक्ता तक सभी को...
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