कृषि मंत्रालय के एक हालिया पुर्वानुमान में कहा गया है कि मौजूदा फसली-वर्ष में खाद्यान्न उत्पादन कमोबेश पिछले साल जितना बना रहेगा.(देखें नीचे की लिंक) गौरतलब है कि बीते मार्च महीने में हुई बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से दस राज्यों में हुए फसलों के नुकसान और जारी सूखे बीच आशंका जतायी जाती रही है कि चालू फसली-वर्ष में खाद्यान्न उत्पादन में कमी आयेगी. 2014-15 में कुल खाद्यान्न उत्पादन 252.02 मिलियन टन था...
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बिहार-- सरकार को 14 लाख लाभुकों की है तलाश
खाद्य सुरक्षा. 85% आबादी को दिलाना है लाभ राज्य में कुल 8.71 करोड़ लोगों को खाद्य सुरक्षा कानून का लाभ मिलेगा, पर अब तक राज्य सरकार अनाज के लिए केंद्र को 8.57 करोड़ लोगों की ही सूचना दे सकी है. पटना : पिछले दो साल से राज्य के वैसे 14 लाख गरीबों की खोज नहीं की जा सकी है, जिन्हें खाद्य सुरक्षा कानून के तहत दो रुपये किलो गेहूं और तीन...
More »शुगर एक्सपोर्ट सब्सिडी खत्म, कीमतों में तेजी के कारण हुआ फैसला...
नई दिल्ली।चीनी मिलों को एक्सपोर्ट पर मिलने वाली सब्सिडी खत्म हो गई है। केंद्र सरकार ने गन्ने की कीमत पर 4.5 रुपये प्रति क्विंटल की रियायत को खत्म कर दिया. सरकार द्वारा नोटिफिकेशन जारी कर इस बात की जानकारी दी गई है। एक्सपोर्ट न होने और घरेलू बाजार में चीनी की बढ़ती कीमतों को देखते हुए सरकार ने कदम उठाया. इस कथा को आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें ...
More »आजादी के बाद पहली बार इस गुमनाम गांव ने डाला वोट
कोलकाता। गुरुवार को पांच राज्यों में चुनाव के नतीजे आए। पश्चिम बंगाल में एक बार फिर ममता बनर्जी ने शानदार जीत दर्ज की और मुख्यमंत्री बनने जा रहीं हैं। बंगाल के इस महासमर में जहां पूरे राज्य ने मतदान किया वहीं एक गांव ऐसा भी था जिसके बाशिंदों ने आजादी के बाद पहली बार वोट डाला। यह गांव है कूचविहार जिले का मशाल डांगा गांव। भारत बांग्लादेश सीमा पर बसे इस...
More »सूखे की मार, हम जिम्मेवार--- भरत झुनझुनवाला
देश के कई हिस्से सूखे की चपेट में हैं. भूमिगत जलस्तर तेजी से नीचे गिर रहा है. आलम यह है कि समर्थवान अंगूर व मिर्च की खेती कर रहे हैं, जबकि सामान्य किसान पीने के पानी को भी तरस रहे हैं. साठ के दशक में हरित क्रांति के साथ-साथ देश में ट्यूबवेल से सिंचाई का विस्तार हुआ. गंगा के मैदानी इलाके में पहले भूमिगत जल-स्तर बरसात में 5-6 फुट और...
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