भोपाल। मप्र के राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसरों को अब अपनी संपत्ति और देनदारियों का ब्योरा ऑनलाइन भरना होगा। सामान्य प्रशासन विभाग इसके लिए पोर्टल तैयार कर रहा है। यह व्यवस्था जनवरी 2017 से लागू होगी। अब तक सभी अफसर अपनी संपत्ति का ब्योरा मैनुअली देते थे। कागज पर बने फॉर्म को भर सामान्य प्रशासन विभाग को जानकारी भेजी जाती थी, यह प्रक्रिया ऑनलाइन कर दी गई है। सूत्रों के मुताबिक...
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कामकाजी महिलाओं के लिए देश में दिल्ली असुरक्षित, सिक्किम सबसे बेहतर: रिपोर्ट
नई दिल्ली.भारत में महिलाओं के काम करने की स्थिति के लिहाज से नॉर्थ-ईस्ट का राज्य सिक्किम पहले स्थान पर है। वहीं, देश की राजधानी दिल्ली सबसे असुरक्षित जगह है। अमेरिकी रिसर्च इंस्टीटयूट सेंटर फॉर स्ट्रैटजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज (सीएसआईएस) और नाथन एसोसिएट्स ने यह रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, सिक्किम को सर्वाधिक 40 नंबर मिले। दिल्ली केवल 8.5 नंबर के साथ आखिरी पायदान पर है ।महिलाओं की भागीदारी...
More »स्वच्छता, समाज और सरकार-- सुभाष गताडे
एक सौ पांच साल की कुंवर बाई, जिन्होंने अपनी बकरियां बेच कर शौचालय का निर्माण कराया, ‘स्वच्छता दिवस' के अवसर पर दिल्ली में सम्मानित की जाएंगी। खबरों के मुताबिक कुंवर बाई ने कोटाभररी नामक अपने गांव (जिला राजनांदगांव) में स्त्रियों को खुले में शौच जाने की असुविधा से बचाने के लिए यह निर्माण कराया। बेशक कुंवर बाई का सरोकार व त्याग काबिले-तारीफ है और उनको स्वच्छता दूत नियुक्त किया जाना,...
More »क्यों डराता है डेंगू-- रोहित कौशिक
पिछले दिनों दिल्ली हाइकोर्ट ने दिल्ली सरकार और नगर निकायों को राष्ट्रीय राजधानी में डेंगू पर नियंत्रण के लिए उचित कदम उठाने का निर्देश दिया। गौरतलब है कि दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में डेंगू ने एक बार फिर अपने पैर पसार लिए हैं। कुल मिलाकर, देश में सैकड़ों लोग डेंगू की चपेट में हैं और अनेक काल के गाल में समा चुके हैं। हालांकि इस भयावह त्रासदी के बाद...
More »आखिर क्यों पीछे रह जाते हैं मध्यप्रदेश के विद्यार्थी?
डॉ. जयंतीलाल भंडारी। हाल ही में नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशन रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एनसीईआरटी) के नेशनल एचीवमेंट सर्वे में यह तथ्य सामने आया है कि मध्यप्रदेश के स्कूलों में विद्यार्थी हर विषय की पढ़ाई में राष्ट्रीय औसत से भी कमजोर हैं। सर्वे में यह भी कहा गया है कि प्रदेश में प्रायवेट स्कूलों के मुकाबले सरकारी स्कूलों के बच्चे और अधिक कमजोर हैं। प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता में कमी...
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