रायपुर। छत्तीसगढ़ में पिछले छह सालों में फलों की पैदावार में 10 गुना से ज्यादा बढ़ोतरी हुई है तथा फलदार बाग बगीचों का रकबा लगभग नौ गुना बढ़ा है। आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि छत्तीसगढ़ में बाग-बगीचों के रकबे और उत्पादन में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। राज्य के किसान अब फलों के बाग लगाने में भी रूचि ले रहे हैं। पिछले छह वर्षों में राज्य में...
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किराये पर मिलेंगे आधुनिक कृषि यंत्र
पटना सूबे में पैदावार बढ़ाने को किसानों को आधुनिक कृषि यंत्रों के प्रयोग के लिए प्रेरित किया जायेगा। ये यंत्र उन्हें कृषि विज्ञान केन्द्रों पर किराये पर दिये जायेंगे। इससे छोटी जोत वाले किसानों को ज्यादा फायदा मिलेगा। अभी फसल कटाई सहित कई आधुनिक कृषि मशीनों की कीमतें अधिक होने के कारण कम जोत वाले किसान इसकी खरीद नहीं कर पाते हैं। ऐसी स्थिति में...
More »फसल कटनी को विशेष महत्व देगी सरकार
पटना फसल कटनी प्रयोग से उत्पादकता का निर्धारण होता है। ऐसी स्थिति में फसल कटनी को वास्तविक स्वरूप दिया जायेगा। कृषि विभाग के प्रधान सचिव के अनुसार फसल कटनी को गंभीरता से लिया जायेगा। इसके लिए किसान सलाहकार व विषय वस्तु विशेषज्ञ के कायरें को परिभाषित करने का निर्देश दिया गया है। फसल प्रत्यक्षण कार्यक्रम : कृषि विभाग के अनुसार पैदावार में वृद्धि के लिए...
More »विद्रोह के केंद्र में दिन और रातें
जाने-माने मानवाधिकार कार्यकर्ता और ईपीडब्ल्यू के सलाहकार संपादक गौतम नवलखा तथा स्वीडिश पत्रकार जॉन मिर्डल कुछ समय पहले भारत में माओवाद के प्रभाव वाले इलाकों में गए थे, जिसके दौरान उन्होंने भाकपा माओवादी के महासचिव गणपति से भी मुलाकात की थी. इस यात्रा से लौटने के बाद गौतम ने यह लंबा आलेख लिखा है, जिसमें वे न सिर्फ ऑपरेशन ग्रीन हंट के निहितार्थों की गहराई से पड़ताल करते हैं, बल्कि माओवादी...
More »मांग के कंधे पर बैठी महंगाई
नई दिल्ली [अंशुमान तिवारी]। कदम रुके थे, पैर में बंधा पत्थर तो जस का तस था। महंगाई गई कहां थी? अर्थव्यवस्था मंदी से निढाल होकर बैठ गई थी इसलिए महंगाई का बोझ बिसर गया था। कदम फिर बढ़े हैं तो महंगाई टांग खींचने लगी है। मुद्रास्फीति का प्रेत नई ताकत जुटा कर लौट आया है। मंदी के छोटे से ब्रेक के बीच महंगाई और जिद्दी, जटिल व व्यापक हो...
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