तमिलनाडु के एक पिछड़े ज़िले इरोड के ज़िलाधीश यानी कलेक्टर डॉ आर आनंदकुमार ने अपनी छह साल की बेटी को एक सरकारी स्कूल में भर्ती करवाया है. जब वे इस स्कूल में अपनी बच्ची के दाखिले के लिए पहुँचे तो दूसरे माँ-बाप की तरह कतार में खड़े हुए. दिल्ली के एक अख़बार में इस ख़बर का प्रकाशित होना ही साबित करता है कि यह कुछ असामान्य सी बात है. यक़ीनन ज़िलाधीश को उनके...
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इनसे मिलिए यह है गांव की महिला वैज्ञानिक
मुजफ्फरपुर. पूर्वी चम्पारण के तुरकौलिया थानाक्षेत्र के मंझार गांव की छात्रा किरण ने पर्यावरण के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम कर अपने क्षेत्र व राज्य का मान बढाया है? बीए पार्ट - 2 की छात्रा किरण गांव में तेजी से सूखते शीशम के पेड़ को बचाने के लिये एक प्रयोग किया। यह सफल रहा। कृषक राजकुमारी देवी व जितेन्द्र सिंह की बड़ी बेटी किरण को सफल प्रयोग के कारण राष्ट्रपति पुरस्कार से...
More »वंशवाद से व्यक्तिवाद तक-रामचंद्र गुहा
दिसंबर 2008 में मैं आईआईटी मद्रास में भारतीय लोकतंत्र की अपूर्णताओं पर बोल रहा था। इन्हीं में से एक बिंदु था राजनीतिक वंशवाद। मेरे बाद कनिमोझी का व्याख्यान था। उन्होंने मेरे वक्तव्य के कुछ अंशों का खंडन करने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि मैं युवा भारतीयों को अपनी पसंद का कॅरियर चुनने से रोक रहा हूं। यदि किसी क्रिकेटर का बेटा क्रिकेटर बन सकता है और किसी संगीतकार की...
More »बच्चों को कभी भूखा नहीं सोने दिया
ग्वालियर. ‘जिंदगी के सारे दुख झेले लेकिन अपने बच्चों को कभी तकलीफ नहीं होने दी। खुद भूखी सोई, लेकिन बच्चों को कभी भूखा नहीं सोने दिया। दिनभर मजदूरी करके जो भी कमाई होती थी, उससे उनका पालन-पोषण किया। अब, जब मैं कुछ कर सकने लायक नहीं हूं, तो बेटे व बहू ने घर से निकाल दिया।’ यह पीड़ा है ९क् वर्षीय एक वृद्धा की जो तानसेन रोड स्थित न्यू रेलवे कॉलोनी के...
More »आंदोलन के बाद उठे सवाल : महेश रंगराजन
भ्रष्टाचार के विरुद्ध अन्ना हजारे के आंदोलन ने जनता के मन में जगह बना ली और सरकार को लोकपाल विधेयक के संबंध में चुस्ती-फुर्ती दिखानी पड़ी। सार्वजनिक जीवन में भ्रष्टाचार और उसे नियंत्रित करने के श्रेष्ठ तरीकों के बारे में सक्रिय बहस जारी है। अन्ना के अहिंसक आंदोलन ने युवाओं और आमतौर पर गैरराजनीतिक रुझान रखने वाले मध्यवर्ग को भी प्रभावित किया। यह भी उल्लेखनीय है कि नए विधेयक की प्रक्रियाएं...
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