दिप्रिंट 14 जुलाई प्रशासनिक अधिकारियों और करीबी सहयोगियों के लिए यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ विकास, रोजगार और बुनियादी ढांचे पर काम करने वाले मुख्यमंत्री हैं, जो 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था को निरंतर बनाए रखने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहे. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी उस समय हैरान रह गए जब 3 जुलाई को हैदराबाद में संपन्न हो रही पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी...
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मुद्रा और चालू खाते को लेकर भारत की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है
द वायर 9 जुलाई विशेषज्ञों का कहना है कि भारत 3.5 फीसदी के काफी उच्च स्तर के चालू खाते के घाटे की संभावना से दो-चार है. एक अनुमान के मुताबिक़, भारत का चालू खाते का घाटा 100 अरब अमेरिकी डॉलर के बराबर हो सकता है. सरकार के सामने इस बढ़ रहे चालू खाते के घाटे की भरपाई पूंजी प्रवाह से करने की चुनौती है. पिछले कुछ हफ्तों से, जब विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक...
More »जेंडर
खास बात साल 2001 की जनगणना के अनुसार भारत में कुल श्रमशक्ति की तादाद 40 करोड़ है जिसमें 68.37 फीसद पुरुष और 31.63 फीसद महिला कामगार हैं। @ तकरीबन 75.38% फीसद महिला श्रमशक्ति खेती में लगी है। @ एफएओ के आकलन के मुताबिक विश्वस्तर पर होने वाले कुल खाद्यान्न उत्पादन का 50 फीसद महिलायें उपजाती हैं। # साल 1991 की जनगणना के अनुसार 1981 से 1991 तक पुरुष खेतिहरों की संख्या में 11.67 फीसदी की बढोतरी...
More »यूपी: इलाहाबाद में लगा दिखा ‘बाय बाय मोदी’ लिखा होर्डिंग, पांच गिरफ़्तार
द वायर, 12 जुलाई इलाहाबाद पुलिस का कहना है कि तेलंगाना की सत्तारूढ़ पार्टी टीआरएस से जुड़े एक शख़्स द्वारा स्थानीय इवेंट कंपनी को होर्डिंग लगाने का ठेका दिया गया था. मामले में इवेंट कंपनी के निदेशक समेत पोस्टर छापने और इसे होर्डिंग पर लगाने वाले व्यक्ति को भी गिरफ़्तार किया गया है. उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में नरेंद्र मोदी सरकार राज में आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों, किसानों के विरोध-प्रदर्शन और...
More »आठ साल में सूखे रेगिस्तान में बना दिया मिनी फूड पार्क, अब यूएस और जर्मनी जैसे देशों तक भेजते हैं फल
गाँव कनेक्शन, 11 जुलाई आठ साल पहले तक अशोक जांगू बीमा कंपनी में एजेंट का काम करते थे, लेकिन उन्हें हमेशा से खेती के लिए कुछ करना था। बस वहीं से उनकी शुरूआत हुई अब तो अब तो जांगू के खेत से अनार यूएस व जर्मनी तक जा रहे हैं। गाय का घी भी विदेशों तक जा रहा है। जहां दूर-दूर तक मीठा पानी नहीं। सूने पड़े खेत। पलायन की मजबूरी, मजदूरी...
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