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जंगलों की बढ़ोत्तरी के सरकारी आंकड़े तो अच्छे हैं लेकिन उन पर उठ रहे कई सवालों का क्या?

साल का अंत होते-होते मोदी सरकार ने “इंडिया स्टेट ऑफ फॉरेस्ट रिपोर्ट – 2019” रिलीज़ कर दी. यह बताती है कि देश के कुल फॉरेस्ट (जंगल) और ट्री कवर (वृक्षारोपण) को मिलाकर देश की हरियाली में 5,188 वर्ग किलोमीटर की बढ़ोत्तरी हुई है. यह रिपोर्ट फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया (एफएसआई) ने तैयार की है जो हर दो साल में जारी की जाती है. इसमें फॉरेस्ट सर्वे ने हरियाली की इस...

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दशक पर एक नजर: कृषि संकट के लिए किया जाएगा याद

2010 में जब भारत ने सदी के दूसरे दशक में प्रवेश किया था, तब उसके सामने 2008 में शुरू हुई वैश्विक आर्थिक मंदी की बड़ी चुनौती थी। लेकिन उपभोग वस्तुओं की मांग लगातार बने रहने के कारण इस मंदी का असर भारत पर नहीं पड़ा। खासकर ग्रामीणों ने इस दौरान अपने खर्च में कमी नहीं की और वे लगातार अपनी जरूरत की चीजें खरीदते रहे, जबकि वे लगभग पूरी तरह...

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क्या अब जीएसटी केंद्र और राज्यों में झगड़े के साथ-साथ महंगाई बढ़ने की वजह भी बनने जा रहा है?

राजनीतिक खबरें अक्सर आर्थिक खबरों को ढक लेती हैं, लेकिन फिर भी आर्थिक मसले अपनी जगह पर बने तो रहते ही हैं. चालू वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 4.5 फीसद पर पहुंचने के साथ कुछ और भी ऐसी खबरें आईं जो आर्थिक मंदी के इस दौर में चिंता बढ़ाने वाली हैं. राज्यों से आई ये खबरें भारत के सबसे बड़े आर्थिक सुधार कहे गए जीएसटी को...

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आईआईएमसी: 2014 में जिस कोर्स की फीस 55000 थी, अब हुई 95500

जवाहरलाल नेहरु यूनिवर्सिटी में अभी फीस वृद्धि का मुद्दा शांत ही नहीं हुआ कि इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ मास कम्युनिकेशन (आईआईएमसी) के छात्रों ने फीस वृद्धि को लेकर विरोध शुरू कर दिया है. छात्र दिल्ली स्थिति आईआईएमसी कैम्पस में हड़ताल पर बैठ गए हैं. 3 दिसंबर से धरने पर बैठे छात्र ट्यूशन फीस, हॉस्टल और मेस चार्ज में साल दर साल हो रही बेलगाम वृद्धि से नाराज़ हैं. उनकी मांग है कि...

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वित्त क्षेत्र को छोड़कर ज्यादातर भारतीय कंपनियों के लिये 2020 में बनी रहेगी चुनौतियां : मूडीज़

नई दिल्ली: मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस ने बृहस्पतिवार को कहा कि कमजोर आर्थिक वृद्धि, सुस्त पड़ती कमाई से वर्ष 2020 में वित्तीय क्षेत्र को छोड़ दूसरे क्षेत्रों की ज्यादातर भारतीय कंपनियों की साख परिस्थितियां कमजोर बनी रहेगी. मूडीज़ इनवेस्टर्स सर्विस के उपाध्यक्ष और वरिष्ठ साख अधिकारी कोस्तुभ चौबाल ने कहा, ‘प्रमुख कंपनियों के क्रेडिट परिवेश में 2020- 21 के दौरान ज्यादा सुधार की उम्मीद नहीं लगती है. ऊंचा ऋृण स्तर, कमजोर मुनाफा...

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