पहली नजर में संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावती के सामूहिक विरोध के पीछे कोई तर्क नजर नहीं आ रहा है। प्रदर्शनकारियों ने स्वयं कबूला है कि उन्होंने अभी तक इस फिल्म को नहीं देखा है, लेकिन उत्तर भारत के राज्यों में खासकर राजपूत समुदाय और अन्य हिंदू जातियों के लोग सड़कों पर आकर फिल्म को प्रतिबंधित करने की मांग कर रहे हैं। उनकी चिंता इस बात को लेकर ज्यादा...
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बुनियादी ढांचा सुधरने से थमेंगी कीमतें-- रमेश कुमार दुबे
बंपर उत्पादन और तमाम सरकारी उपायों के बावजूद महंगाई दर में बढ़ोतरी से साबित होता है कि वितरण के मोर्चे पर अभी बहुत कुछ करना है। पिछले साढ़े तीन वर्षों में मोदी सरकार ने ग्रामीण सड़कों, सिंचाई, फसल बीमा और बिजली आपूर्ति के क्षेत्र में अहम सुधार किया है लेकिन भंडारण-विपणन ढांचे में सुधार अभी भी दूर की कौड़ी बना हुआ है। यही कारण है कि कुछ महीने पहले तक...
More »न राजनीति सुधरेगी, न पुलिस --- विभूति नारायण राय
भारतीय पुलिस सेवा में तीन दशकों से अधिक के अपने सफर के दौरान मुझे जिस बात से सबसे अधिक आश्चर्य होता था, वह थी भारतीय जनता के मन मे पुलिस सुधारों को लेकर पसरी हुई उदासीनता। यह देखकर मन उदास हो जाता था कि जिस संस्था से औसत भारतीय नागरिक का सबसे अधिक वास्ता पड़ता है, उसे बेहतर बनाने के लिए किसी तरह का कोई आंदोलन नहीं होता। अधिक से...
More »स्वच्छ हवा के लिए समग्र सोच-- विवेक चटोपाध्याय
दो दशक से भी पहले से वायु प्रदूषण नियंत्रण के प्रयास किए जा रहे हैं। इस दौरान विभिन्न तरह के फैसले लिए गए, जिनमें जीवाश्म ईंधन के विभिन्न स्रोतों, जैसे उद्योगों, ऊर्जा संयंत्रों और वाहनों आदि से निपटने के प्रयास शामिल हैं। इस तरह के उपायों ने 2006-2007 में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को थामने में मदद की। हालांकि उसके बाद वाहनों की संख्या में वृद्धि, सार्वजनिक परिवहन में कमी,...
More »कर्नाटक के गृहमंत्री का बयान - महिलाओं को देर रात सड़क पर घूमने की जरूरत ही क्या है
फिर से एक बार महिला सुरक्षा पर सत्ता में बैठे राजनेता की तरफ से शर्मनाक बयान आया है। ताजा मामला कर्नाटक का है। राज्य के गृह मंत्री आर रामलिंगा रेड्डी का मानना है कि महिलाओं का देर रात बेंगलुरु की सड़कों पर निकलने का कोई मतलब नहीं है। रामलिंगा रेड्डी ने ये बयान विधान परिषद में दिया। परिषद में महिलाओं की सुरक्षा पक चर्चा चल रही थी। जब मीडिया ने...
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