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दिल्ली की जाम से हर वर्ष धुएं में उड़ जाते हैं 60 हजार करोड़ रुपये

क्या आपको पता है दिल्ली की सड़कों पर लगने वाले ट्रैफिक जाम से हमे कितना नुकसान होता है। दिल्ली कै ट्रैफिक से उत्पन्न प्रदूषण, धुआं हमारे शरीर को तो हानि पहुंचाता ही है साथ ही हमारी जेब पर भी चपत लगाता है। जी हैं ये सच है। सड़क पर लगने वाले जाम की वजह से हर साल 60 हजार करोड़ की चपत लगती है और ये हम नहीं कह रहे।...

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विकास को बरकरार रखनेवाला बजट-- आलोक पुराणिक

आम बजट को 'कामचलाऊ', 'लोकलुभावन' और 'ऐतिहासिक' जैसी संज्ञाएं दी जा रही हैं. लेकिन, इसे न तो पूरी तरह से लोगों के अलग-अलग तबकों को तुष्ट करने के इरादे से लाया गया है, और न ही इसमें आर्थिक सुधारों को गति देने की कोई ठोस पहल की गयी है. सरकार ने गांव और गरीब पर फोकस तो किया है, पर और बेहतर की गुंजाइश बनी हुई है. बजट के विभिन्न...

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बंद करने लायक 60 स्कूलों में भी कराएंगे आरटीई के तहत दाखिला

रायपुर। शिक्षा के अधिकार अधिनियम (आरटीई) के मापदंडों पर खरे नहीं उतरने वाले 60 स्कूलों को बंद करने के बजाय आरटीई के तहत दाखिला कराने के दायरे में रखा गया है। ये तब स्थिति है, जब स्कूल शिक्षा विभाग ने तीसरी बार इन स्कूलों के मापदंडों की जांच करने के लिए निर्देश जारी किए हैं। जिला शिक्षा विभाग को 31 दिसम्बर तक इन स्कूलों की जांच करके उन्हें अंतिम रूप से...

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बजट के बाद किसान: किस मुंह से कहिए कि आरजू क्या है!

‘तेरे नाम से शुरु, तेरे नाम से खत्म' वित्त मंत्री ने शायद यही जताना चाहा होगा. यही वजह है कि उनके बजट भाषण की शुरुआत किसान से हुई और अंत भी किसान पर हुआ. बात बड़बोली लगे तो खुद ही परख लीजिए, हाथ कंगन को तो आरसी क्या !   वित्त मंत्री का बजट भाषण जिन दस बड़े विषयों के इर्द-गिर्द पेश हुआ उसमें सबसे ऊपर ‘किसान' को रखा गया है. भाषण...

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बजट 2017-2018 : पॉपुलिस्ट होने से बची केंद्र सरकार, एक अच्छा बजट-- गुरुचरण दास

विमुद्रीकरण की वजह से बीते कुछ समय से जिस तरह से अर्थव्यवस्था को लेकर अनिश्चितता बनी रही है, वैश्विक अर्थव्यवस्था भी अनिश्चितता के दौर से गुजर रही है, तेल की कीमतें बढ़ रही हैं, हमारे निर्यात की हालत खराब है, इन सबके चलते हम सबको डर था कि यह बजट पूरी तरह से राजनीतिक होगा. लेकिन, ऐसा नहीं हुआ और यह बजट बहुत ही अच्छा रहा. यह भी लोगों...

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