देश में गरीबी रेखा के नीचे जीवन बसर करनेवालों के बारे में योजना आयोग द्वारा जारी आंकड़ों की कोई और उपयोगिता हो न हो, यह बदहाली के स्वीकार्य मापदंड नहीं हो सकते. जिस देश में करीब 46 फीसदी बच्चे कुपोषण से प्रभावित हों, जहां करीब 40 प्रतिशत परिवार पूर्णत: भूमिहीन या एक एकड़ से कम जमीन के मालिक हों, जहां 90 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या का गुजारा असंगठित क्षेत्र में...
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शिक्षक विहीन हो रहे राज्य के स्कूल
रांची: राज्य में प्राथमिक विद्यालय से लेकर प्लस टू स्तर के उच्च विद्यालयों में शिक्षकों की कमी है. विद्यालय शिक्षक विहीन हो रहे हैं. 13 वर्ष में भी राज्य सरकार स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर नहीं कर सकी. राज्य के विद्यालयों में शिक्षकों के 60 हजार पद रिक्त हैं. राज्य के कई उच्च विद्यालय एक शिक्षक के भरोसे संचालित है. प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में शिक्षा का अधिकार अधिनियम के...
More »आठ हजार इंदिरा आवास होंगे सरेंडर
मुजफ्फरपुर: जिले के वर्ष 2013 - 14 का एससी-एसटी लाभुकों के इंदिरा आवास का कोटा फुल होने के बाद राशि सरेंडर करने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. सूत्रों के अनुसार आठ हजार इंदिरा आवास की राशि सरेंडर होगी. यह राशि दक्षिण बिहार के जिलों को उपलब्ध करायी जायेगी. इस संबंध में विभाग के सचिव अमृत लाल मीणा की ओर से निर्देश जारी किया गया है. इसमें बताया गया है कि...
More »छत्तीसगढ़ में दलहन व तिलहन उत्पादन बढऩे की उम्मीद
देश के दक्षिण पूर्वी भाग में इस साल मानसून की मेहरबानी किसानों के लिए राहत की बारिश लेकर आई है। छत्तीसगढ़ में इस साल मानसून आए डेढ़ महीने से ज्यादा समय बीत चुका है। मानसून की जल्द आमद के चलते राज्य में खरीफ की 66 फीसदी से अधिक बुवाई पूरी हो चुकी है। मौसम की इस रहमत को देखते हुए इस साल धान की बंपर फसल की उम्मीद की जा...
More »वैश्वीकरण बनाम आदिवासी- हरिराम मीणा
जनसत्ता 29 जुलाई, 2013: भूमंडलीकरण का यह वह दौर चल रहा है जब सारे प्राकृतिक संसाधनों का फटाफट और अंधाधुंध दोहन कर लिया जाए, हो सकता है फिर ऐसा सुनहरा अवसर इन कंपनियों को मिले या न मिले। नई आर्थिक नीति की चरम परिणति जन-विरोधी वैश्वीकरण के रूप में अब सामने आ रही है। बहुराष्ट्रीय निगमों, उनको मॉडल मानने वाले देशी पूंजीपतियों और प्राकृतिक संसाधनों की बंदरबांट में लगे राजनीतिकों,...
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