SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 1294

अस्पताल में दो बंदी, एक को बेड़ि‍यां और रसूखदार को खुली छूट

महासमुंद, नईदुनिया प्रतिनिधि। सामान्य व हाई प्रोफाइल विचाराधीन बंदी को लेकर पुलिस का दोहरा चेहरा जिला अस्पताल में सामने आया है। करोड़ों रुपए के फर्नेस ऑयल के धोखाधड़ी के बहुचर्चित मामले में जहां एक रसूखदार विचाराधीन बंदी को यहां बिना हथकड़ी के रखा गया है, वहीं एक अन्य मामले के विचाराधीन बंदी के पैर में जंजीर बंधी हुई है। इतना ही नहीं, रसूखदार बंदी के साथ ड्यूटी पर तैनात जवान...

More »

बच्चों को भूखा देख तड़प उठा पिता, आग लगाकर दे दी जान

जबलपुर। ग्वारीघाट की अवधपुरी कालोनी में रहने वाले 40 वर्षीय महेश तिवारी ने सोमवार की सुबह 10 बजे आग लगाकर आत्महत्या कर ली। कर्ज से परेशान महेश के तीन मासूम बच्चे रविवार की शाम से भूखे थे। बच्चों को भूखा देखकर महेश तड़प उठा और उसने मौत का रास्ता चुन लिया। महेश चार महीने पहले तक अपने घर से ही रेडीमेड कपड़ों का व्यवसाय करता था। लेकिन नोटबंदी के बाद धंधा...

More »

केंद्र की स्टेंट दर राज्य में भी मान्य, अस्पतालों में हड़कंप

रायपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। केंद्र सरकार के स्टेंट की दरें तय करने के फैसले के 16 दिन बाद राज्य सरकार ने गुरुवार को स्टेंट की दरें प्रदेश में लागू कर दीं। अब हर अस्पताल को तय दर पर ही स्टेंट लगाना होगा। छत्तीसगढ़ में वेयर मेटल स्टेंट 7260 रुपए और दवाई वाला (ड्रग इल्युटिंग स्टेंट्स, इन्क्लूडिंग मेटेलिक, डीईएस एंड बायोरिसॉर्वेबल वास्कुलर स्कॉफोल्ड बीवीएस बायोडिग्रेडेबल स्टेंट) स्टेंट 29600 रुपए में मिलेगा।   दरें पुराने...

More »

हर साल मध्यप्रदेश के 100 अस्पताल हो रहे हैं डाक्टर विहीन

भोपाल, शशिकांत तिवारी। प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी दूर होने के बजाय लगातार बढ़ती जा रही है। डॉक्टरों की नई पौध सरकारी नौकरी में आने को तैयार नहीं है। पुराने रिटायरमेंट की कगार पर हैं। हर साल करीब 100 अस्पताल डॉक्टर विहीन हो रहे हैं। अगर हालात जल्द नहीं बदले तो आने वाले दस सालों में अधिकांश सरकारी अस्पताल डॉक्टर विहीन हो सकते हैं। ऐसे में लोगों...

More »

प्राइवेट अस्पतालों में प्रैक्टिस नहीं कर पाएंगे सरकारी डॉक्टर

रायपुर, निप्र। राज्य सरकार ने प्रदेशभर के सरकारी डॉक्टर्स की प्राइवेट प्रैक्टिस के नियम सख्त कर दिए हैं। नियमों के आधार पर कोई भी सरकारी डॉक्टर किसी निजी नर्सिंग होम, क्लीनिक, पैथोलॉजी लैब में सेवाएं नहीं दे सकता। वह अपने खुद की क्लीनिक में जरूर बैठ सकता है। डॉक्टर्स को इन नियमों के आधार पर अपने-अपने विभाग प्रमुख को 25 फरवरी तक शपथ-पत्र देना होगा, अगर नियमों का उल्लंघन पाया...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close